वॉट्सऐप के जरिए कर रहा था सप्लाई, 5335 यूजर आईडी जब्त

नोएडा से पकड़ा गया ई-टिकटों की कालाबाजारी करने का आरोपी : वॉट्सऐप के जरिए कर रहा था सप्लाई, 5335 यूजर आईडी जब्त

वॉट्सऐप के जरिए कर रहा था सप्लाई, 5335 यूजर आईडी जब्त

Google Image | आरपीएफ की गिरफ्त में आरोपी

Greater Noida News : आरपीएफ दादरी की टीम ने सोमवार को गदर सॉफ्टवेयर का उपयोग करके रेलवे के ई-टिकटों का अवैध व्यापार करने वाले आरोपी अरबाज आलम को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई नोएडा के सेक्टर-18 के अट्टा बाजार में स्थित एक मोबाइल दुकान पर हुई। आरोपी के पास से 5335 यूजर आईडी जब्त की गईं, जो कि व्यक्तिगत आईडी पर अवैध तरीके से ई-टिकट बनाने में प्रयोग हो रही थीं। टिकटों की कालाबाजारी करते हुए अरबाज ने टिकटों पर अंकित मूल्य से 500 से 1000 रुपए अधिक लेकर बेचने का कार्य किया। आरोपी के खिलाफ रेलवे एक्ट की धारा 143 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

एक लाख रुपए से अधिक के टिकट बरामद
आरपीएफ की टीम ने साइबर ब्रांच भुवनेश्वर से मिली सूचना के आधार पर कार्रवाई की। प्रभारी निरीक्षक एसके वर्मा के अनुसार, पकड़ा गया आरोपी सेक्टर-44 निवासी अरबाज आलम पिछले एक साल से ई-टिकटों की दलाली कर रहा था। उसे पकड़ने के लिए विशेष टीम का गठन किया गया। छापे के दौरान अरबाज के पास से 46 यात्रा टिकट भी बरामद हुए हैं। जिनकी कुल कीमत एक लाख रुपए के करीब बताई जा रही है। इस मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है। क्योंकि अरबाज के पास और भी कई टिकट मिल सकते हैं, जो अवैध रूप से तैयार किए गए हैं।

वॉट्सऐप के माध्यम से कई रात्यों में करता था टिकटों की सप्लाई
प्रभारी निरीक्षक के अनुसार, आरोपी अरबाज आलम ने अपने अवैध व्यापार को कई राज्यों में फैलाया था। उसने बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे स्थानों पर ऑनलाइन वॉट्सऐप के माध्यम से टिकटों की सप्लाई की। पिछले एक साल में उसने लगभग 20 लाख रुपए मूल्य के हजारों ई-टिकट बनाकर बेचे हैं। आरोपी ने न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि अन्य राज्यों में भी अपनी अवैध गतिविधियों का जाल फैला रखा था। 

मोबाइल को फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा
आरपीएफ की टीम ने अरबाज के मोबाइल को अपने कब्जे में ले लिया है और इसे फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा जा रहा है। इस मोबाइल में टिकटों की कालाबाजारी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि इस जांच के जरिए अरबाज के अन्य सहयोगियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी।

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