Noida News : नोएडा प्राधिकरण एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन और सीईओ मोहिंदर सिंह के यहां की गई छापेमारी में 7 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के हीरे बरामद किए गए हैं। इस घोटाले में केवल मोहिंदर सिंह ही नहीं, बल्कि कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। एसीओ, डीसीईओ, महाप्रबंधक परियोजना, महाप्रबंधक प्लानिंग और उद्यान विभाग के कई अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। सूत्रों से मुताबिक, प्राधिकरण में तैनात रहे 100 से अधिक अफसरों के खिलाफ आरोपों की जांच चल रही है। प्राधिकरण में चर्चाएं है कि उन पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है।
कैग रिपोर्ट में खुलासा
ईडी ने हैसिंडा प्रोजेक्ट कंपनी के लोटस-300 प्रोजेक्ट के निवेशकों के साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में उच्च न्यायालय के निर्देश पर जांच शुरू की थी। इस दौरान मोहिंदर सिंह के आवास से न केवल बहुमूल्य हीरे, बल्कि करोड़ों की चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज भी बरामद किए गए। मोहिंदर सिंह पर यह पहला आरोप नहीं है। वे पहले से ही सुपरटेक के ट्विन टावर प्रकरण में दर्ज मुकदमे में आरोपी हैं। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में उनके कार्यकाल के दौरान हुए कई घोटालों का खुलासा किया गया था, जिनमें ग्रुप हाउसिंग आवंटन घोटाला, दलित प्रेरणा स्थल प्रकरण, फार्म हाउस आवंटन घोटाला, आम्रपाली बिल्डर घोटाला और लीज बैक घोटाला शामिल हैं।
फार्म हाउसों का आवंटन
इस घोटाले ने तीनों प्राधिकरणों की वित्तीय स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया है। घोटालों की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इनमें 50 से अधिक अधिकारियों पर कार्रवाई की संस्तुति की जा चुकी है। 2008 से 2010 के बीच हुए फार्म हाउस आवंटन घोटाले में 168 फार्म हाउसों का आवंटन अत्यंत कम दरों पर किया गया था। हालांकि लोकायुक्त ने मामले में कई वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस भेजे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।