Noida News : दिल्ली एनसीआर में अभी सर्दियों की भी शुरुआत नहीं हुई और दिवाली आने में एक हफ्ते से ज्यादा का समय बचा है। लेकिन एनसीआर में हालात बिगड़ने लगे हैं। नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में धुंध की चादर देखने को मिलने लगी है। इसकी सबसे बड़ी वजह पंजाब और हरियाणा में जल रही पराली को माना जा रहा है। दिल्ली एनसीआर के अधिकतर इलाकों में AQI 300 के पार चला गया है। एनसीआर में GRAP 2 की पाबंदियों का भी सख्ती से पालन नहीं हो रहा है।
नोएडा और गाजियाबाद का हाल बुरा
दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार चला गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 23 अक्टूबर की सुबह 9 बजे दिल्ली का AQI 363 था। वहीं गाजियाबाद का AQI 319 और नोएडा का 311 दर्ज किया गया। एनसीआर के दूसरे शहर भी कुछ अच्छी स्थिति में नहीं है। इनमें भी AQI 200 के पास ही है, जिसे Poor कैटेगरी में गिना जाता है। हापुड़ का AQI 268, मेरठ का 267, बागपत का 263, खुर्जा का 262, बुलंदशहर का 260 और ग्रेटर नोएडा का AQI 209 दर्ज किया गया।
दिल्ली में कई हिस्से गंभीर स्थिति में
दिल्ली का औसत AQI तो 363 है। लेकिन राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्से अति गंभीर स्थिति में पहुंच गए हैं। आनंद विहार इलाके में AQI 403, जहांगीर पुरी में 414, विवेक विहार में 393, सोनिया विहार में 383, वजीरपुर में 381 दर्ज किया गया है। इसके अलावा शादीपुर में 318, सिरी फोर्ट में 329, आरके पुरम में 347, पंजाबी बाग में 364, पटपड़गंज में 365, नेहरू नगर में 358, मुंडका में 370, रोहिणी में 384 और जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में AQI 291 रहा।
कैसे मापा जाता है AQI?
AQI, या एयर क्वालिटी इंडेक्स, वायु प्रदूषण के स्तर को मापने का एक तरीका है। इसे 0 से 500 तक के पैमाने पर वर्गीकृत किया जाता है: 0-50 के बीच 'अच्छा', 51-100 'संतोषजनक', 101-200 'मध्यम', 201-300 'खराब', 301-400 'बहुत खराब', और 401-500 'गंभीर' माना जाता है। वायु प्रदूषण से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया गया है। GRAP एक सरकार द्वारा बनाई गई योजना है, जो प्रदूषण के बढ़ते स्तर के खिलाफ कार्रवाई करती है। इसके अंतर्गत विभिन्न चरण होते हैं, जिनमें पाबंदियां भी शामिल हैं, जो प्रदूषण की गंभीरता के अनुसार बढ़ती हैं। GRAP-2 के तहत पांच प्रमुख पाबंदियां लागू की गई हैं, जो वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए जरूरी हैं।