Noida News : नोएडा के बाजारों में बढ़ती वाहनों की संख्या के कारण पार्किंग की समस्या गहराती जा रही है। इस समस्या के समाधान के लिए नोएडा अथॉरिटी ने ऑटोमेटिड पजल पार्किंग बनाने पर विचार कर रही है। पहले चरण में यह पार्किंग नोएडा अथॉरिटी के बाहर बनाई जाएगी, जिसमें 50 वाहनों की क्षमता होगी और यह पांच फ्लोर की होगी। इस प्रकार की पार्किंग को लागू करने के लिए एक कंपनी ने पहले ही प्रजेंटेशन दिया है जिसे प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत किया गया है। अधिकारीयों के अनुसार, यह उपाय नोएडा के भीड़-भाड़ वाले इलाकों में आवश्यक है और इसके तहत दो अन्य बाजारों में भी ऐसी पार्किंग की योजना बनाई जाएगी।
ऑटोमेटिड पजल पार्किंग की विशेषताएं
यह पारंपरिक हाइड्रोलिक पार्किंग से अलग बनाती हैं। यह एक पजल गेम की तरह कार्य करती है, जिसमें हर स्लॉट और स्टैंड को सेंसर की मदद से नियंत्रित किया जाता है। जब कोई कार पार्किंग में आती है, तो इसे ग्राउंड पर खड़ा किया जाता है और फिर ऑटोमेटेड सिस्टम द्वारा इसे ऊपर या नीचे ले जाया जाता है। यह प्रक्रिया 3 से 6 मिनट में पूरी होती है, जो पारंपरिक पार्किंग की तुलना में कहीं अधिक तेज है। इस प्रकार की पार्किंग में अधिक जगह की आवश्यकता नहीं होती और यह छोटे स्थानों में भी पांच से छह फ्लोर तक की बनाई जा सकती है।
एक स्लॉट के निर्माण में आएगा लगभग 8 लाख रुपये का खर्च
पार्किंग के सुरक्षा पहलू भी महत्वपूर्ण हैं। ऑटोमेटिड पजल पार्किंग में सेंसर लगाए जाते हैं, जो सुनिश्चित करते हैं कि अगर कोई बच्चा या जानवर गलती से पार्किंग में प्रवेश कर जाए, तो सिस्टम स्वतः ही रुक जाएगा। यह न केवल सुरक्षा को बढ़ाता है, बल्कि चोरी और तोड़फोड़ के जोखिम को भी कम करता है। इसके अलावा एक स्लॉट के निर्माण में लगभग 8 लाख रुपये का खर्च आएगा। जिससे 50 स्लॉट की पार्किंग लगभग 4 करोड़ रुपये में तैयार हो जाएगी। इसके ऑपरेशन के लिए ज्यादा स्टाफ की आवश्यकता नहीं होगी।