Noida News : नोएडा सहित अन्य स्थानों पर अटके सुपरटेक लिमिटेड की 17 प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एनबीसीसी के प्रस्ताव पर राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) अब विचार करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए एनसीएलएटी को अनुमति दे दी। मामले में काफी संख्या में फ्लैट बायर्स की भी यही मांग थी कि अटके हुए प्रोजेक्ट को एनबीसीसी की तरफ से पूरा किया जाए।
फंसे हैं 27 हजार बायर्स
सुपरटेक की इन 17 परियोजनाओं में करीब 27 हजार घर खरीदार सालों से फंसे हुए हैं। इन्हें न ताे फ्लैट मिल पा रहे हैं, न ही मिले हुए फ्लैट पर मालिकाना हक मिल पा रहा है। अटके हुए प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एनबीसीसी की तरफ से दिए गए प्रस्ताव पर सुपरटेक की तरफ से आपत्ति लगाई गई थी, वहीं काफी संख्या में बायर्स एनबीसीसी के साथ खड़े हुए थे। ऐसे में मामला सुप्रीम कोर्ट के पास विचाराधीन था।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने एनबीसीसी की एक अर्जी पर नोटिस जारी किया है। पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत के समक्ष अपील के लंबित रहने से एनसीएलएटी को प्रस्ताव पर उचित आदेश पारित करने से नहीं रोका जा सकेगा। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मौजूदा अर्जी के लंबित रहने के बावजूद एनसीएलएटी कॉरपोरेट देनदार (सुपरटेक लिमिटेड) की 17 परियोजनाओं के लिए एनबीसीसी के प्रस्ताव की जांच कर सकता है।
बायर्स को जगी उम्मीद
एनबीसीसी के प्रस्ताव पर विचार किए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद बायर्स को उम्मीद जगी है कि अब उनके अटके हुए प्रोजेक्ट पूरे हो सकेंगे। उन्हें अपने फ्लैट लंबे इंतजार के बाद ही सही, लेकिन मिलने की उम्मीद फिर से जागी है। अधिकांश बायर्स इस पक्ष में नहीं थे कि अटके हुए प्रोजेक्ट को सुपरटेक की तरफ से पूरा करने का कार्य किया जाए।