नोएडा प्राधिकरण के सीईओ बकाएदार बिल्डरों पर सख्त, जानिए कैसे होगी वसूली

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नोएडा प्राधिकरण के सीईओ बकाएदार बिल्डरों पर सख्त, जानिए कैसे होगी वसूली

Tricity Today | नोएडा प्राधिकरण सीईओ डा. लोकेश एम

Noida News : बकाया जमा न करने और छूट दिए जाने के बाद भी पैसा जमा करने वाले बिल्डरों के खिलाफ नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डा लोकेश एम ने सख्त रुख अपना लिया है। अब ऐसे बिल्डरों से बकाया वसूली करने के लिए इन सभी बिल्डरों के मामलों को आर्थिक अपराध शाखा को भेजा जाएगा। ऐसे में शासन और प्राधिकरण के बार-बार दिए जाने वाले निर्देशों का उल्लंघन कर अपनी मनमानी करने वाले बिल्डरों की खैर नहीं है। 

भूखंड का निरस्तीकरण और सीलिंग भी होगी 
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डा लोकेश एम ने बताया कि शासनादेश के अनुसार बकाया धनराशि का 25 प्रतिशत जमा न करने वाले ऐसे सभी बिल्डरों के भूखंडों का आवंटन निरस्त किया जाएगा। आवंटन निरस्त करने के बाद इन सभी भूखंडों को कब्जे में लेने से पहले यहां सीलिंग की कार्रवाई भी की जाएगी। प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम ने प्राधिकरण अधिकारियों के साथ की बैठक में एक-एक बिल्डर प्रोजेक्ट की समीक्षा की। इसका मुख्य उद्​देश्य बायर्स के पक्ष में अधिक से अधिक रजिस्ट्री कराना और प्राधिकरण की बकाया राशि की वसूली करना है। इस दौरान विभिन्न योजनाओं के तहत बकाया में छूट न लेने वाले और रजिस्ट्री कराने में गंभीरता न दिखाने वाले बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मंशा भी प्राधिकरण सीईओ ने जाहिर की। 

यह दिए गए बैठक में निर्देश 
लिगेसी स्टाल्ड रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं के निदान के लिए 21 दिसंबर 2023 को जारी किए गए शासनादेश के तहत 56 बिल्डर परियोजना की बकाया धनराशि को चुकाने के लिए छूट दी जानी थी। इन 56 बिल्डर परियोजनाओं में से 22 बिल्डर प्रोजेक्ट में छूट दिए जाने के बाद कैलकुलेट की गई धनराशि के 25 प्रतिशत धनराशि के रूप में 275.72 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं। छह बिल्डर की देयता पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। इन 28 बिल्डर परियाेजनाओं में 2558 फ्लैट की रजिस्ट्री किए जाने की अनुमति दी गई है। इसमें से अब तक 1298 फ्लैट की ही रजिस्ट्री बायर्स के पक्ष में की गई हैं। 1260 रजिस्ट्री अभी होनी बाकी हैं। 

एनजीटी आदेशों का नहीं मिलेगा लाभ 
जिन बिल्डर प्रोजेक्ट के लिए 25 प्रतिशत धनराशि के सापेक्ष स्वीकृत की गई सभी रजिस्ट्री नहीं कराई जाती हैं, तब तक उन्हें शासनादेश के क्रम में एनजीटी के आदेश आदि किसी भी प्रकार का लाभ नहीं दिया जाएगा। साथ ही ऐसे बिल्डर प्रोजेक्ट का आवंटन रद करने के बाद सीलिंग की कार्रवाई भी की जाएगी।

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