Noida News : गौतमबुद्धनगर के बाल गृह और बालिका गृह में रहने वाले बच्चों को आखिरकार उनके जन्म प्रमाण पत्र मिल गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने एक अभियान के तहत इन बच्चों के लिए जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया शुरू की थी। एसीएमओ और जन्म-मृत्यु पंजीकरण की रजिस्ट्रार डॉ. शुभ्रा मित्तल के अनुसार पहले इन बच्चों का कभी भी जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनाया गया था। इस पहल के तहत उदयन केंद्र बाल गृह और राजकीय बालिका गृह में शिविर आयोजित कर 42 बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए। इससे बच्चों को आधार कार्ड बनाने, स्कूल में दाखिला लेने, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और विदेश यात्रा में कोई रुकावट नहीं आएगी।
बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र बनाने में सबसे बड़ी चुनौती उनकी सही जन्मतिथि का पता लगाना था। जिन बच्चों का स्कूल में प्रवेश हो चुका था उनकी स्कूल रिकॉर्ड में लिखी गई जन्मतिथि को आधार बनाया गया। इसके अलावा कुछ मामलों में मजिस्ट्रेट से भी रिपोर्ट ली गई। हालांकि मेडिकल बोर्ड से जन्म तिथि तय करने की जरूरत किसी बच्चे के लिए नहीं पड़ी। डॉ. शुभ्रा ने बताया कि यह प्रक्रिया बच्चों के लिए उनके भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे वे समाज में अपनी पहचान बना सकेंगे।
लेप्रोसी के 15 नए मरीज इलाज शुरू
इसके साथ ही 2 से 15 सितंबर के बीच स्वास्थ्य विभाग ने लेप्रोसी के मरीजों की पहचान के लिए एक अभियान चलाया। जिसमें 15 नए मरीज मिले हैं। इन मरीजों का इलाज तुरंत शुरू कर दिया गया है और उनके परिजनों की भी जांच कराई जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य प्रारंभिक चरण में ही बीमारी की पहचान करना है, ताकि इलाज सरल और प्रभावी हो सके।