Noida News : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इस वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों पर पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि स्थिति गंभीर होती जा रही है और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
स्किन में रैशेज, थ्रोट इंफेक्शन और आंखों में जलन
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की निवासी मेघा ने अपनी चिंताएं व्यक्त करते हुए कहा कि वह अपने बच्चों को बाहर खेलने या पढ़ने भेजने से डर रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदूषण की वजह से सांस लेने में तकलीफ हो रही है और स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं सामने आ रही हैं। "बच्चों को स्किन में रैशेज, थ्रोट इंफेक्शन और आंखों में जलन जैसी समस्याएं हो रही हैं। अगर समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है," मेघा ने चिंता व्यक्त की।
ग्रेप -2 के बाद भी नियमों का पालन नहीं
पंचशील हाईनेस सोसाइटी, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासी विनोद नेगी ने प्रदूषण के प्रमुख कारणों की ओर इशारा करते हुए कहा कि पराली जलाने के अलावा निर्माण कार्य और बढ़ता ट्रैफिक भी प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं। उन्होंने बताया कि ग्रेप -2 प्रतिबंध लागू होने के बावजूद नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हमारी सोसाइटी में रहने वाले बुजुर्गों को सांस लेने में गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल
नोएडा सेक्टर-78 के निवासी नवीन दुबे ने प्रदूषण नियंत्रण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि विभाग की जवाबदेही तय होनी चाहिए। उन्होंने शहर में चल रहे अनियंत्रित निर्माण कार्यों को प्रदूषण का प्रमुख कारण बताया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस प्रदूषण को रोका नहीं गया तो आने वाले समय में जीवन जीना मुश्किल हो जाएगा।
बिना मास्क के बाहर न निकलें
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान प्रदूषण स्तर गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि वे बिना मास्क के बाहर न निकलें और यथासंभव घर के अंदर रहें। विशेष रूप से बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। स्थानीय प्रशासन से मांग की जा रही है कि वह निर्माण कार्यों पर कड़ी निगरानी रखे, ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर करे और प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर रोक लगाए।
AQI में बढ़ोतरी, नियमों का पालन नहीं
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में AQI 382, नोएडा में 313, गाजियाबाद में 290, ग्रेटर नोएडा में 248, हापुड़ में 280, फरीदाबाद में 250 और गुरुग्राम में 281 दर्ज किया गया। प्रदूषण की इस गंभीर स्थिति के चलते शहर में ग्रेड-2 के प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं, लेकिन इनका पालन अभी भी सख्ती से नहीं हो रहा है।