Noida News : एक तरफ प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम प्रत्येक मीटिंग में अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं कि अपने क्षेत्र में अतिक्रमण न होने दें। जहां अतिक्रमण है, उसके खिलाफ कार्रवाई करें, लेकिन वर्क सर्किल के अधिकारी इन निर्देशों को धता बता रहे हैं। बरौला में हनुमान मूर्ति के पास जिन इमारतों को अवैध घोषित किया था, वहां बिल्डिंग के अवैध होने की बात लाल रंग से लिखी गई थी, वहां प्राधिकरण की तरफ से कार्रवाई किए जाने की बात तो दूर, शोरूम का संचालन खुलेआम किया जा रहा है।
मिटा दी गई बिल्डिंग अवैध होने की लिखी हुई बात
अवैध निर्माण को गिराए जाने के बाद वर्क सर्किल के अधिकारी इसे लगातार संरक्षण दे रहे हैं। एक अगस्त को नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डा लोकेश एम और जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने प्राधिकरण और पुलिस टीम के साथ संयुक्त रूप से अतिक्रमण का निरीक्षण किया था। बरौला गांव के बाहर हनुमान मूर्ति के पास कुछ इमारतों पर यह लिखवाया गया था कि यह बिल्डिंग अवैध है। इमारत को खड़ी करने वालों की मनमर्जी और वर्क सर्किल के अधिकारियों के संरक्षण का अलम यह है कि कार्रवाई होने की बात तो दूर, जहां प्राधिकरण ने यह बिल्डिंग अवैध है, लिखवाया था, उसे मिटाकर शोरूम का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। लगातार बढ़ रहा है अवैध निर्माण
भूमाफियाओं के हौंसले किस कदर बुलंद हो गए हैं और उन्हें कितना राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक अगस्त को बरौला में जहां नोएडा अथॉरिटी सीईओ और डीएम ने निरीक्षण किया था, वहां अभी भी कई इमारतों काे बनाने का कार्य किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान ही अतिक्रमण को ध्वस्त के निर्देश दिए थे, लेकिन भूमाफिया के साथ ही वर्क सर्किल के अधिकारी भी इन आदेशों को ही ध्वस्त करने पर तुले हुए हैं।
बढ़ रही अतिक्रमण की रफ्तार
नोएडा प्राधिकरण के मुताबिक, निरीक्षण में सलारपुर गांव में खसरा संख्या 595, 596, 601 से 609, 723 से 752, 779 और 780 पर अवैध निर्माण पाया गया था। भंगेल के खसरा नंबर 217, 221, 223, 225, 226 पर भी अवैध निर्माण मिला था। हाजीपुर गांव में खसरा संख्या 412 पर भी अवैध निर्माण था। हालांकि स्थलीय निरीक्षण की कार्रवाई कागजों तक ही सीमित रह गई, जिन स्थानों पर अतिक्रमण को चिह्नित किया गया था, वहां अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।