जानवर की चर्बी और वनस्पति तेल की मिली मिलावट, फूड डिपार्टमेंट ने लिया एक्शन

नोएडा में बिक रहा था नकली देशी घी : जानवर की चर्बी और वनस्पति तेल की मिली मिलावट, फूड डिपार्टमेंट ने लिया एक्शन

जानवर की चर्बी और वनस्पति तेल की मिली मिलावट, फूड डिपार्टमेंट ने लिया एक्शन

Google Image | symbolic image

Noida News : नोएडा में रहने वाले लोग नकली देशी खा रहे हैं। फूड डिपार्टमेंट की जांच में इसका खुलासा हुआ है। दरअसल, डिपार्टमेंट की तरफ पिछले दिनों सेक्टर 12 और सेक्टर 62 की दो दुकनों से देशी घी का सैंपल जांच के लिए लिया गया था। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद इन दोनों दुकानों को बंद करा दिया गया है। बताया जा रहा है कि जांच में जानवर की चर्बी और वनस्पति तेल की मिलावट पाई गई है, जो सेहत के लिए काफी खतरनाक है। फिलहाल फूड डिपार्टमेंट ने दोनों दुकानों को बंद करा दिया है। मामले में अब डिपार्टमेंट द्वारा एसीजेएम की कोर्ट में वाद दायर किया जाएगा।

स्कीम चलाकर बेचा जा रहा था नकली देशी घी 
जनपद गौतम बुद्ध नगर के मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय गोयल ने बताया कि नोएडा के सेक्टर-12 के सी ब्लॉक में मोहम्मद साहिल की शुद्ध पनीर भंडार के नाम से दुकान है। दुकानदार ग्राहकों को 650 रुपये किलो की दर से देसी घी बेच रहा था। साथ में एक किलो देसी घी मुफ्त भी दे रहा था। वहीं 700 रुपये में एक किलो देसी घी के साथ एक किलो घी फ्री, 250 ग्राम पनीर और 250 ग्राम मटर का भी ऑफर दे रहा था। विभाग की टीम ने 29 फरवरी वर्ष 2024 को दुकान से देसी घी का नमूना लेकर प्रयोगशाला भेजा था। जो जांच में असुरक्षित निकला है। वहीं 27 फरवरी, 2024 को नोएडा के सेक्टर-62 की आदर्श सब्जी मंडी स्थित हरीशचंद जनरल स्टोर पर खाद्य विभाग ने छापा मारा। दुकान पर श्रीनंदन ब्रांड का प्रीमियम देसी घी की बिक्री हो रही थी। गिरधारी मिल्क फूड प्रोडक्ट कंपनी इसकी निर्माता है। घी का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा गया था। इसमें भी वनस्पति तेलों की मिलावट मिली है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों मामलों में दुकानदारों के साथ-साथ निर्माण कंपनी के खिलाफ एसीजेएम कोर्ट में वाद दायर जा रहा है।

घर पर भी कर सकते हैं घी की जांच 
उन्होंने बताया कि इसकी जांच घर पर भी की जा सकती है। टेस्टट्यूब या कांच के गिलास में दो चम्मच पिघला हुआ घी लें। उसमें आधा चम्मच नमक और दो बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिला लें। फिर गिलास या टेस्ट टयूब को अच्छे से हिला लें। करीब 20 मिनट तक मिश्रण को ऐसे ही छोड़ दें। उसके बाद अगर अगर घी का रंग बदला हुआ दिखे तो इसका मतलब उसमें मिलावट की गई है।

हृदयाघात या लकवा जैसी बीमारी का खतरा 
चिकित्सकों के मुताबिक मिलावटी घी से सेहत को नुकसान पहुंच रहा है। चिकित्सक के मुताबिक मिलावटी घी से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। नसों में जमने के कारण ब्लड सर्कुलेशन कमजोर होने लगता है। नसें ब्लॉक होने से हृदयाघात या लकवा जैसी बीमारी हो सकती है। ऐसे में उपयोग से पहले घी की गुणवत्ता की जांच जरूरी है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.