Tricity Today | नोएडा में जीएसटी कमिश्नर ने व्यापारियों के साथ बैठक की
Noida News : गौतमबुद्ध नगर के वाणिज्य कर विभाग द्वारा आज सेक्टर 148 स्थित जीएसटी कार्यालय में उद्यमियों और व्यापारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का नेतृत्व जीएसटी कमिश्नर चांदनी सिंह ने किया, जिसमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा के विभिन्न व्यापारी संगठनों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान अपर आयुक्त विवेक आर्य ने जीएसटी में आ रही दिक्कतों पर सभी प्रतिनिधिमंडलों के साथ विस्तृत चर्चा की। उत्तर प्रदेश युवा व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष विकास जैन ने बिलो में हुई मानवीय भूलों पर विशेष जोर दिया, जिस पर आर्य ने बताया कि विभाग द्वारा छह बिंदुओं पर चालान नहीं काटा जाता है। उन्होंने व्यापारियों को बिल बनाते समय विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी, ताकि छोटी-छोटी गलती बड़े नुकसान का कारण न बनें।
चांदनी सिंह ने सभी व्यापारी संगठनों से परिचय करते हुए उन्हें विश्वास दिलाया कि शासन हमेशा व्यापारियों और उद्यमियों की सुरक्षा और सहायता के लिए तत्पर है। उन्होंने व्यापारियों को अपने मुद्दे निसंकोच विभाग की बैठकों में उठाने के लिए प्रोत्साहित किया और सभी बाज़ारों की अलग-अलग बैठकें आयोजित कर समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया। इसके अलावा, उन्होंने जीएसटी पंजीकरण बढ़ाने के लिए व्यापार मंडल के पदाधिकारियों से सहयोग मांगा, जिस पर प्रदेश अध्यक्ष विकास जैन ने कैंप आयोजित करने का प्रस्ताव रखा।
एनईए के आलोक गुप्ता ने वाणिज्य कर विभाग को व्यापारियों की समस्याओं से अवगत कराया, जिनमें डस्ट और रोड़ी की गाड़ियों में आ रही दिक्कतें शामिल थीं। इस पर ज्वाइंट कमिश्नर संजय कुशवाहा ने जिलाधिकारी से बात कर समाधान निकालने का आश्वासन दिया। उत्तर प्रदेश युवा व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री सचिन गोयल ने सुझाव दिया कि यदि किसी व्यापारी द्वारा टैक्स भरने के बाद माल बेचने वाली फ़र्म फ्रॉड हो जाए तो सरकार को इसके लिए नए नियमों पर विचार करना चाहिए। ज्वाइंट कमिश्नर दीप्ति कटियार ने बताया कि इस विषय पर शासन से लगातार चर्चा हो रही है और कई सुधार भी किए गए हैं।
इस मीटिंग में वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश मिनिस्ट्रियल के ज़ोनल अध्यक्ष सतेंद्र सिंह और अन्य प्रमुख व्यापारी नेता भी मौजूद रहे। बैठक के अंत में उपायुक्त प्रशासन रोहित मालवीय ने कमिश्नर के आदेश पर सभी समस्याओं को लिखित में शासन तक पहुंचाने की बात कही।