क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर का 16 महीने पहले हुआ तबादला, कोई नहीं उखाड़ पाया अंगदी पांव

गौतमबुद्ध नगर पुलिस : क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर का 16 महीने पहले हुआ तबादला, कोई नहीं उखाड़ पाया अंगदी पांव

क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर का 16 महीने पहले हुआ तबादला, कोई नहीं उखाड़ पाया अंगदी पांव

Tricity Today | गिरीश प्रसाद राज

Gautam Buddh Nagar News : पुलिस डिपार्टमेंट में प्रायः तबादले होने के बाद एक-दो दिनों में ही कर्मचारी या अधिकारी अपने नए नियुक्ति स्थान पर आमद करवा लेते हैं। दरअसल, पुलिस डिपार्टमेंट में तबादलों से जुड़ा अनुशासन बेहद संजीदा मना जाता है। लेकिन गौतमबुद्ध नगर पुलिस में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। क्राइम ब्रांच के प्रभारी इंस्पेक्टर तबादला होने के बावजूद चुपचाप कुर्सी से चिपके बैठे हैं। इस इंस्पेक्टर के तबादले को 16 माह बीत चुके हैं। इंस्पेक्टर साहब आज भी गौतमबुद्ध नगर में जमे हुए हैं। इतना ही नहीं, नजरों से दूर बने रहने के लिए इन्हें ना तो थाना चाहिए और ना कोई जिम्मेदारी, बस क्राइम ब्रांच में हाईप्रोफाइल केस मिलते रहें। नोएडा की पोस्टिंग ना जाए।

अंगदी पांव वाले इंस्पेक्टर हैं इंस्पेक्टर गिरीश प्रसाद
गौतमबुद्ध नगर के विकास प्राधिकरणों में आने वाले कर्मचारी और अधिकारी एकबार आने के बाद यहां से वापसी का नाम नहीं लेते हैं। पुलिस डिपार्टमेंट में ऐसा मामला पहली मर्तबा देखने को मिला है। क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर गिरीश प्रसाद राज का तबादला उत्तर प्रदेश विभानसभा चुनाव से पहले गौतमबुद्ध नगर से 9 नवंबर 2021 को आगरा जोन किया गया था। लेकिन आज भी गिरीश प्रसाद गौतमबुद्ध नगर में बने हुए हैं। वह लंबे अरसे से क्राइम ब्रांच के मुखिया हैं। तबादला आदेश संख्या डीजी-चार-101(02)2022/111 में गौतमबुद्ध नगर में तैनात 6 निरीक्षकों का समयावधि पूर्ण होने पर अन्य जोन में तबादला किया गया था। गिरीश प्रसाद से अलग बाकी सभी 5 निरीक्षकों अरविन्द पाठक, समरेश कुमार सिंह, मुनीश प्रताप सिंह चौहान, भुवनेश कुमार और देवेंद्र यादव ने तबादले के बाद अपने नए नियुक्ति वाले जिलों में ज्वॉइन कर लिया है। गिरीश प्रसाद आज भी गौतमबुद्ध नगर क्राइम ब्रांच में बने हुए हैं।

जिले के तमाम हाईप्रोफाइल मामलों के विवेचक रहे
मूल रूप से पिथौरागढ़ के निवासी गिरीश प्रसाद पुलिस विभाग से 1998 में बतौर उपनिरीक्षक शामिल हुए थे। गिरीश प्रसाद गौतमबुद्ध नगर से पहले रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, बरेली, जीआरपी मुरादाबाद और जीआरपी इलाहाबाद में तैनात रह चुके है। गिरीश प्रसाद की गौतमबुद्ध नगर में तैनाती 20 अप्रैल 2018 को हुई थी। गौतमबुद्ध नगर में तैनाती के दौरान गिरीश प्रसाद हाईप्रोफाइल मामलों के विवेचक रहे हैं। शायद यही वजह है कि गिरीश प्रसाद पर भारत निर्वाचन आयोग और यूपी पुलिस के महानिदेशक के आदेश बेअसर होते हैं। यह भी हो सकता है कि क्राइम ब्रांच चलाने के लिए गिरीश प्रसाद से काबिल इंस्पेक्टर गौतमबुद्ध नगर में नहीं है।

जिम्मेदार अफसरों से जवाब मिलने का इंतजार
गिरीश प्रसाद को कार्यमुक्त नहीं करने की वजह क्या रही? यह जानने के लिए गौतमबुद्ध नगर पुलिस का पक्ष जानने के लिए ज्वाइंट सीपी (हेडक्वार्टर) भारती सिंह और कमिश्नर लक्ष्मी सिंह को कॉल किया गया। दोनों के पीआरओ ने मीटिंग में होने की जानकारी दी। प्रभारी डीसीपी (हेडक्वार्टर) विशाल पांडेय को कॉल किया गया तो उन्होंने बताया कि एविडेंस में होने के कारण व्यस्त हैं। कुछ समय बाद बात कर पाएंगे।

पूरे महकमे में चर्चा का विषय हैं इंस्पेक्टर साहब
गौतमबुद्ध नगर के पूरे पुलिस महकमे में इंस्पेक्टर गिरीश प्रसाद चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल, उनके साथ ट्रांसफर हुए 5 दूसरे इंस्पेक्टर ने तुरंत जिला छोड़ दिया था। जबकि उनमें कई तो बड़े रसूखदार माने जाते हैं। ट्रांसफर के 16 महीने बाद भी इंस्पेक्टर गिरीश प्रसाद का नोएडा में बने रहना पूरे विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इंस्पेक्टर गिरीश प्रसाद को एक बड़े अफसर का वरदहस्त प्राप्त रहा है। यही वजह रही कि 16 महीनों के दौरान मुख्यालय और कार्मिक से जुड़ी जिम्मेदारी देख रहे डीसीपी भी गिरीश प्रसाद को कार्यमुक्त नहीं कर पाए।

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