Noida News : हजारों करोड़ रुपये के स्मारक घोटाले में अब विजिलेंस टीम ने जांच तेज कर दी है। मोहिंदर सिंह से हुई पूछताछ के बाद जो नाम सामने आए हैं, उसके आधार पर अब विजिलेंस टीम ने जांच को तेज करते हुए छापेमारी शुरू कर दी है। मंगलवार को लखनऊ की विजिलेंस टीम ने नोएडा में चार स्थानों पर छापेमारी की है। UPRNN के अपर परियोजना प्रबंधक राजवीर सिंह के ठिकानों पर विजिलेंस की छापेमारी के साथ ही नोएडा में तीन और जगह छापेमारी हुई है।
लंब समय से ठंडे बस्ते में थी जांच
स्मारक घोटाले की जांच कर रही विजिलेंस टीम की तरफ से जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। मामले में मोहिंदर सिंह के बारे में विजिलेंस को जानकारी न होने के कारण उससे पूछताछ नहीं हो पा रही थी। विजिलेंस टीम के पास सिर्फ इतनी जानकारी थी कि मोहिंदर सिंह देश से बाहर है। लंबे समय तक मोहिंदर सिंह के विजिलेंस टीम के सामने पेश न होने के कारण जांच की गति धीमी हो गई थी।
अब पकड़ी विजिलेंस ने रफ्तार
मोहिंदर सिंह के ईडी के सामने पेश होने के बाद विजिलेंस टीम ने भी अपनी जांच को तेज कर दिया था। विजिलेंस टीम ने भी नोटिस जारी कर मोहिंदर सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया था। स्मारक घोटाले में करीब 8 घंटे तक पूछताछ के बाद तत्कालीन बसपा सरकार के दो मंत्रियों के साथ ही कई और तत्कालीन अधिकारियों के साथ 8 पीसीएस अधिकारियों के नाम मोहिंदर सिंह ने उगले थे। इसके बाद विजीलेंस टीम सक्रिय हुई और इसी का नतीजा है कि नोएडा में UPRNN के अपर परियोजना प्रबंधक राजवीर सिंह के आवास और कार्यालय सहित कई जगह छापेमारी की है।
यह है स्मारक घोटाला
साल 2007-2011 के दौरान उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नोएडा में बनाए गए स्मारक और पार्कों के निर्माण और इस कार्य से जुड़े अन्य कार्यों में प्रयोग किए गए सैंडस्टोन की खरीद-फरोख्त में अरबों रुपये का घोटाला हुआ था। इन स्मारकों में अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, गौतम बु़द्ध उपवन, ईको गार्डन व नोएडा का अंबेडकर पार्क शामिल था। इसके लिए 42 अरब 76 करोड़ 83 लाख 43 हजार का बजट आवंटित हुआ था। जिसमें 41 अरब 48 करोड़ 54 लाख 80 हजार की धनराशि खर्च की गई थी।