Noida News : शहर के बीचों-बीच पिछले करीब तीन साल से बड़े भूमि घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है। शहर के बीच अवैध कॉलोनाइजेशन किया जा रहा है। यह भूमि महर्षि योगी आश्रम की है। भाजपा के कुछ नेताओं और भूमाफियाओं ने मिलकर महर्षि योगी आश्रम की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया। यहां पर बड़े-बड़े कामर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाकर खड़े किए जा रहे हैं। इस मामले में नोएडा प्राधिकरण सीईओ डॉ.लोकेश एम. के निर्देश पर जेई ने थाना सेक्टर 39 में शिकायत दर्ज कराई है।
महर्षि योगी आश्रम में नोएडा प्राधिकरण ने दी शिकयत
प्राधिकरण के अवर अभियंता ने आरोप लगाया है कि महर्षि महेश योगी आश्रम ट्रस्ट के कुछ लोग नोएडा के प्राथमिक क्षेत्र में अवैध रूप से प्लॉटिंग कर रहे हैं। शिकायत के अनुसार, ट्रस्ट के प्रतिनिधि विनीत कुमार श्रीवास्तव और प्रदीप कुमार गुप्ता खसरा नंबर 217, 221 और 223 पर बिना किसी अनुमति के सड़क और भवन बना रहे हैं। प्राधिकरण का कहना है कि इन लोगों ने कोई नक्शा पास नहीं कराया है, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। यह अवैध निर्माण नोएडा के समुचित विकास में बाधा डालेगा। इससे शहर की बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, पानी और सीवर व्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है।
पुलिस का बयान
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अवर अभियंता लोकेश शर्मा की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस विनीत कुमार श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार गुप्ता और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ जांच कर रही है। इस बीच नोएडा से लेकर लखनऊ तक हलचल तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने महर्षि योगी आश्रम की जमीन की फाइल खंगालनी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि इस घोटाले में जिले के एक बड़े भाजपा नेता का नाम भी शामिल है।
धर्म की आड़ में धंधा
महर्षि आश्रम की जमीन पर अवैध रूप से छोटे-छोटे आवासीय भूखंड बेचे जा रहे हैं। बड़ी संख्या में भूखंडों पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बना दिए गए हैं। महर्षि आश्रम की जमीन पर रातोंरात अवैध निर्माण हो रहा है। रात 9 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक बड़े-बड़े डंपर मिट्टी लेकर आते हैं। आश्रम झील थी, जिसे मिट्टी से पूरी तरह पाट दिया गया है। यज्ञशाला और गऊशाला की जमीन पर प्लॉटिंग हो चुकी है। मौके पर कई इमारतें खड़ी हुई हैं।
तत्कालीन सरकार पर लगाया गया था आरोप
आपको बता दें कि वर्ष 2011 में नोएडा प्राधिकरण ने इस जमीन का अधिग्रहण करने का प्रयास किया था। तब भूमाफिया गैंग ने महर्षि आश्रम को धार्मिक स्थल बताकर विरोध किया था। आसपास से किराये की भीड़ इकट्ठा करके धरना-प्रदर्शन किया गया था। प्राधिकरण और तत्कालीन सरकार पर आरोप लगाया गया था कि गऊशाला, यज्ञशाला और धार्मिक गतिविधियों के लिए उपयोग हो रही ज़मीन को ग़लत ढंग से अधिग्रहित किया जा रहा है। इससे लोगों की धार्मिक आस्था पर चोट पहुंच रही है। लिहाज़ा, मजबूर होकर प्राधिकरण और सरकार को अपने पांव पीछे खींचने पड़े थे। अब उसी ज़मीन पर खुलेआम अवैध प्लॉटिंग चल रही है। जिससे साफ हो जाता है कि धर्म की आड़ में गंदा धंधा चल रहा है।