Noida News : 15 हजार करोड़ के जीएसटी घोटाले में शामिल अरबपति बिजनेसमैन संजय ढींगरा, मयंक ढींगरा, कनिका ढींगरा और तरुण जिंदल पर नोएडा पुलिस ने कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद गैंगस्टर एक्ट लगा दिया है। इसके साथ ही इस फ्रॉड में शामिल 16 अन्य आरोपियों पर जल्द ही नोएडा पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी। इससे पहले इसी मामले में पुलिस 33 आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई कर चुकी है। इस मामले में अब तक कुल 49 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
बीते साल पुलिस ने पकड़ा था फ्रॉड
नोएडा पुलिस इस वर्ष मई में ईस्ट पंजाबी बाग दिल्ली निवासी संजय ढींगरा, मयंक ढींगरा और कनिका ढींगरा को गिरफ्तार किया था। इससे पहले तरुण जिंदल समेत 45 अन्य को गिरफ्तार किया था। संजय व कनिका पति पत्नी हैं और मयंक इनका बेटा है। बीते साल जून में नोएडा पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया था जो कागजों पर फर्जी कंपनी और फर्म बनाकर फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर सरकार को अरबों रुपये का नुकसान पहुंचा रहा था। आरोपियों ने कई शहरों में सौ से अधिक कंपनी बनाई जिनका वजूद सिर्फ कागजों पर रहता था।
डेढ़ साल से जारी है गिरफ्तारी का सिलसिला
बीते सवा साल से इस मामले में लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है। अब न्यायालय से अनुमति मिलते ही आरोपियों की चल और अचल संपत्ति की पहचान कर कुर्की की कार्रवाई शुरू की जाएगी। जिन आरोपियों की मामले में गिरफ्तारी हुई है, उनमें तीन अरबपति कारोबारी भी शामिल हैं। नोएडा पुलिस के बाद गुजरात समेत अन्य जगह की पुलिस ने भी इस प्रकार के गिरोह का पर्दाफाश किया। पूरे देश में जीएसटी घोटाला बड़े स्तर पर किया जा रहा था।
इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के नाम पर कर रहा था फ्रॉड
तीन हजार से अधिक फर्जी जीएसटी फर्म बनाकर 15 हजार करोड़ से अधिक की ठगी की थी। जीएसटी फ्रॉड मामले की जांच में पुलिस को पता चला कि दिल्ली के पंजाबी बाग का एक कारोबारी परिवार पांच साल से फर्जी तरीके से आईटीसी लेकर सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहा है। जांच के दौरान यह जानकारी मिली कि तीनों कारोबारियों ने नौ सेल कंपनियों से 68.15 करोड का ITC का लाभ फर्जी तरीके से प्राप्त किया है। ये आरोपी फर्जी GST Firm बनाकर फर्जी इन्वॉयस/बिलिंग कर अवैध लाभ कमा रहे थे और सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे थे। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने आईटीसी क्लेम नौ फर्जी कंपनियों के आधार पर प्राप्त किया था। गिरफ्तार तीनों आरोपियों के खिलाफ सीबीआई और ईडी की तरफ से भी जांच की जा रही है। आरोपी संजय ढींगरा पहले भी जेल जा चुका है।
फिल्म अभिनेता से खरीदी कार भी सीज
इन आरोपियों के पास से मेड इन इटली की एक कार बरामद की गई थी। यह कार उन्होंने एक फिल्म अभिनेता से खरीदी थी। इसके अलावा इनके पास मर्सिडीज समेत कई लग्जरी कारें भी मिली थी। पुलिस से बचने के लिए फरारी के दौरान इन कारों से ही स्थान बदलते रहते थे। फ्रॉड की रकम से इन आरोपियों ने प्रापर्टी डीलिंग और रियल इस्टेट का कारोबार भी शुरू किया था। करनाल में तीनों ने करोड़ों रुपये की जमीन खरीदी थी। आरोपियों का छतरपुर में फॉर्महाउस भी है।
ऐसे करते थे फ्रॉड
आरोपी देश में अलग-अलग स्थान पर रहने वाले लाखों लोगों के पैन कार्ड और आधार कार्ड का डाटा हासिल करने के बाद फर्जी कंपनी और फर्म खोलने थे। इस कंपनियों और फर्मों का अस्तित्व महज कागजों पर होता था। जमीन पर कहीं भी कोई कंपनी नहीं बनती थी। इसके बाद आरोपी जीएसटी नंबर लेकर फर्जी बिल बनाकर जीएसटी रिफंड प्राप्त कर सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाते थे। जांच में यह पता चला है कि जालसाज फर्जी कंपनियों को जीएसटी नंबर के साथ ऑन डिमांड बेच भी देते थे। इन कंपनियों के नाम पर पैसे जमा कर काले धन को सफेद करने का भी काम भी व्यापक स्तर पर होता था। इस फर्जीवाड़े में शामिल कई आरोपियों की चल और अचल संपत्ति को कुर्क भी किया जा चुका है।