Noida News : शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 70 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के दो मुख्य आरोपी रविंद्र उर्फ नवाब और विनोद कुमार धाम की कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। इस मामले की विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में यूपी एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने कार्रवाई करते हुए थाना सेक्टर-63 के एक पुलिस निरीक्षक को निलंबित कर दिया है। पुलिस कमिश्नर का सख्त आदेश है कि लापरवाही करने वाले किसी भी पुलिस वाले को छोड़ा नहीं जाएगा।
पुलिस कमिश्नर का एक्शन
पुलिस ने जानकारी दी कि आरोपी रविंद्र और विनोद को चार दिन पूर्व गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया था। इन पर आरोप है कि इन्होंने सैकड़ों निवेशकों को शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे का झांसा देकर 70 करोड़ रुपये की ठगी की, लेकिन न्यायालय में पेश की गई विवेचना के दौरान अभियुक्तों को जमानत मिल गई। विवेचना का जिम्मा निरीक्षक दीपचंद दीक्षित के पास था, जिन्होंने साक्ष्य संकलन में लापरवाही की। जिसके कारण आरोपियों की जमानत संभव हो पाई। इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए उन्हें तुरंत निलंबित कर दिया गया है। आयुक्त कार्यालय से यह भी बताया गया कि थाना सेक्टर-63 के प्रभारी निरीक्षक के खिलाफ भी प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई और लापरवाही या भ्रष्टाचार इस मामले में शामिल नहीं था।
कैसे की गई थी ठगी?
रविंद्र उर्फ नवाब और विनोद कुमार धाम ने "कल्प वृक्ष ट्रेडिंग मास्टर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड" नाम से नोएडा के सेक्टर-63 में एक फर्म खोली थी। इसके अलावा, गाजियाबाद में "हॉट सिक्योरिटी लिमिटेड" और "आयुर्वेद इंडिया लिमिटेड" के नाम से भी ट्रेडिंग फर्म स्थापित की गई थीं। इन कंपनियों के माध्यम से इन्होंने शेयर ट्रेडिंग में निवेश कर लोगों को भारी मुनाफे का झांसा दिया।
धोखाधड़ी का सिलसिला चलता रहा
जैसे-जैसे लोगों ने निवेश किया और कंपनी में करोड़ों रुपये जमा हो गए, आरोपी कंपनी को अचानक बंद कर फरार हो जाते थे। फिर कुछ समय बाद किसी अन्य स्थान पर नई कंपनी खोलकर वही धोखाधड़ी का सिलसिला शुरू कर देते थे। इन दोनों ने बड़ी संख्या में लोगों को अपनी योजनाओं के जाल में फंसाया और भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया।
फिर एक्टिव हुई पुलिस
पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने इस मामले में पुलिस की लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने जांच की सख्ती से निगरानी और ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया है, जिससे भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही न हो और ठगों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके। इस मामले में अब एसटीएफ और स्थानीय पुलिस की टीमें आरोपियों के अन्य सहयोगियों एवं ठगी से संबंधित ठोस सबूत जुटाने में जुटी हुई हैं। पुलिस इस दिशा में तेजी से काम कर रही है।