Tricity Today | ओएसडी शैलेंद्र भाटिया को पदोन्नति पर बधाई देते प्राधिकरण के अधिकारी
Greater Noida News : यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के विशेष कार्याधिकारी शैलेन्द्र कुमार भाटिया को पदोन्नत किया गया है। उत्तर प्रदेश शासन के नियुक्ति अनुभाग ने उन्हें वेतनमान ₹37,400-67,000 और ग्रेड पे ₹8,700 के तहत नई नियुक्ति दी है। इससे शैलेन्द्र कुमार भाटिया के पीसीएस से आईएएस बनने का रास्ता साफ हो गया है।
विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों ने दीं शुभकामनाएं
यह नियुक्ति आदेश 22 नवंबर 2024 को जारी किया गया, जिसके अनुपालन में शैलेन्द्र कुमार भाटिया ने शुक्रवार की सुबह यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, इस नियुक्ति की जानकारी संबंधित विभागों और अधिकारियों को भेज दी गई है। यह नियुक्ति यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र के विकास और प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाने के उद्देश्य से की गई है।
यह है शैलेन्द्र कुमार भाटिया
शैलेन्द्र कुमार भाटिया उत्तर प्रदेश प्रशासनिक सेवा में वर्ष 2008 बैच के अफसर हैं। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बस्ती जिले के रहने वाले हैं। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में शैलेन्द्र कुमार भाटिया की दूसरी पारी है। लोकसभा चुनाव से पहले उनके स्थानांतरण गाजियाबाद में बतौर अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) कर दिया गया था। शैलेन्द्र कुमार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए शुरू से काम कर रहे हैं। इसलिए राज्य सरकार ने उन्हें दोबारा यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में तैनाती दी गई है।
2008 बैच के पीसीएस अफसरों को मिला ग्रेड पे
आपको बता दें कि गुरुवार को उत्तर प्रदेश के वर्ष 2008 बैच के पीसीएस अफसरों को 8,700 रुपये ग्रेड पे मिला है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में बनी विभागीय पदोन्नति कमेटी की बैठक में 2008 बैच के पीसीएस अफसर को 7,600 रुपये ग्रेड पे से प्रोन्नत करके 8,700 रुपये ग्रेड पे देने वाले प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। इसका लाभ मिलते ही वर्ष 2008 बैच के पीसीएस अफसरों को आईएएस बनने का रास्ता और आसान हो गया है। वेतन के होने वाले वित्तीय नुकसान से 2008 बैच अफसर बच गए हैं।