ट्राई सिटी | प्रभारी पुलिस उपायुक्त साइबर अपराध प्रीति यादव
Noida News : नोएडा निवासी एक रिटायर्ड साइंटिस्ट को मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर डराते हुए डिजिटल अरेस्ट किया गया था। इसके बाद साइबर ठगों ने उन्हे धमकी देकर 5,20000 रुपये खाते से संदिग्ध खाते में ट्रांसफर करा लिए थे। मामले की शिकायत पर साइबर क्राइम टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए खाते को सीज करके पूरी रकम वापस कराई है।
12 दिनों में कराई पूरी धनराशि वापस
प्रभारी पुलिस उपायुक्त साइबर अपराध प्रीति यादव के अनुसार, बीती 23 अगस्त को नोएडा निवासी एक रिटायर्ड साइंटिस्ट ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके साथ साइबर ठगी की घटना हुई है। साइबर ठगों ने उन्हे मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए डराया धमकाया और डिजिटल अरेस्ट किया। इसके बाद ठगों ने 27 अगस्त धमकी देकर 5,20000 रुपये खाते से संदिग्ध खाते में ट्रांसफर करा लिए थे। इस मामले में पीडित ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज की थी। जो 3 अक्टूबर को साइबर क्राइम थाने में पहुंची। जिस पर साइबर क्राइम टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संदिग्ध खाते को फ्रीज किया और महज 12 दिन में पूरी धनराशि वापस कराई। इस कार्यवाही के बाद शिकायतकर्ता ने साइबर क्राइम टीम की प्रशंसा की।
गलत जानकारी के कारण लोग अक्सर होते है धोखधड़ी का शिकार
प्रभारी पुलिस उपायुक्त साइबर अपराध प्रीति यादव के अनुसार, साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों को देखते हुए जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। डिजिटल अरेस्ट की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है, ताकि इससे बचा जा सकें। उन्होने बताया कि पुलिस फोन कॉल के माध्यम से किसी को डिजिटल अरेस्ट नहीं कर सकती। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय या अन्य न्यायालय फोन पर सुनवाई नहीं करते। लोग अक्सर धोखाधड़ी के शिकार बन जाते हैं क्योंकि उन्हें साइबर ठगों द्वारा गलत जानकारी दी जाती है।
सावधानी ही सबसे बड़ा सुरक्षा उपाय
अधिकांश लोग यह नहीं जानते कि RBI या कोई अन्य संस्था आपके खाते से धन का सत्यापन नहीं करती। ऐसे कोई सरकारी बैंक खाते या आरबीआई का SSA (Secret supervision account) नहीं हैं, जिनमें आपके पैसे ट्रांसफर कराकर जांच की जाती हो। जब किसी बैंक या सरकारी अधिकारी का नाम लेकर आपसे पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा जाता है, तो यह एक धोखा हो सकता है। ऐसे मामलों में सतर्क रहना और जल्दी से कार्रवाई करना आवश्यक है।
ऐसी कॉल आए तो क्या करें
इस तरह यदि सीबीआई अधिकारी, साइबर अधिकारी, आरबीआई या किसी अन्य संस्था का अधिकारी बनकर आपके पास फोन काल, इंटरनेट skype, zoom आदि ऐप पर विडियो काल आती है और जाँच के नाम पर पैसे को ट्रांसफर किए जाने के लिए कहा जाता है या मनीलांड्रिग के केस का डर दिखाया जाता है, तो तत्काल अपने निकटवर्ती थाना, साइबर सेल या साइबर थाना से संपर्क करें। साथ ही साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें और अपनी शिकायत www.cybercrime.gov.in पर दर्ज कराएं। यह सुनिश्चित करें कि आप अपने व्यक्तिगत और वित्तीय विवरणों को साझा करने से पहले पूरी तरह से सचेत हैं। सावधानी ही सबसे बड़ा सुरक्षा उपाय है।