Noida News : नोएडा प्राधिकरण के 50वें स्थापना दिवस के करीब आने को देखते हुए अब नोएडा में लोगों को संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने के साथ ही लोगों को पूरे देश की संस्कृति और वहां के उत्सवों से जोड़ने से की तैयारी की जा रही है। शहर में थीम आधारित उत्सव आयोजित करने के लिए पार्क और एंफीथियेटर बनाए जाएंगे, जहां पूरे वर्ष विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
अनेकता में एकता को करेंगे साकार
भारत को अनेकता में एकता वाला देश कहा जाता है, वैसे ही नोएडा पूरे देश का आईना है। नोएडा में देश के सभी हिस्सों से आए लोग काफी संख्या में रहते हैं, लेकिन यहां देश भर के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन न होने के कारण स्वयं को नोएडा से जोड़ नहीं पाते हैं। इस कमी को दूर करने के लिए नोएडा में अब ऐसे ऑडिटोरियम, पार्क और एम्फीथिएटर बनाए जाएंगे, जो शहर के सांस्कृतिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों को भी इस तरह से विकसित किया जाएगा, जिससे लोगों का वहां से उनकी संस्कृति और प्रदेश के हिसाब से सीधा जुड़ाव हो सके। नोएडा प्राधिकरण द्वारा अब ऐसे स्थलों को विकसित करके वहां थीम आधारित उत्सवों का आयोजन कराया जाएगा, जिससे सांस्कृतिक रूप से जीवंत स्थान के रूप में जाना जा सके। इस पहल का उद्देश्य नोएडा के लोगों के बीच में देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति को सांस्कृतिक कार्यक्रम और उत्सव के माध्यम से जोड़ने का है।
जल्द होगा सलाहकार एजेंसी का चयन
लोगों के बीच में आई इस सामुदासिक दूरी का सबसे बड़ा कारण यह है कि अब तक नोएडा में ऐसा कोई सार्वजनिक स्थान, ऑडिटोरियम, पार्क या आयोजन स्थल नहीं है, जिसे सांस्कृतिक कार्यक्रम और उत्सव के आयोजन के रूप में जाना जा सके। इसी कमी को दूर करने के लिए जल्द ही सलाहकार एजेंसी का चयन किया जाएगा। सलाहकार पूरे वर्ष के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन का कैलेंडर बनाएगा। इन आजोजन के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करने की सलाह देगा कि कहां पर ऑडिटोरियम, पार्क और एम्फीथिएटर बनाए जा सकते हैं।
नाेएडा भी करेगा अन्य शहरों की तरह मेजबानी
अब तक लखनऊ, वाराणसी, पुणे और बेंगलुरु अक्सर सांस्कृतिक कार्यक्रमों और उत्सवों की मेजबानी करते हैं। इसी तर्ज पर नोएडा में ऐसे स्थान विकसित किए जाएंगे, जहां देश भर की संस्कृति व उत्सवों से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सके। जिससे न सिर्फ नोएडा को नई पहचान मिलेगी, बल्कि यहां रहने वाले प्रवासी और स्थानीय लोगों को भी एक दूसरे की कल्चर और फेस्टिवल से जुड़ने और उसमें शामिल होने का मौका मिलेगा। जिससे निसंदेह सामाजिक रूप से लोगों में आई दूरियों को कम किया जा सकेगा।
साझा सामाजिक, सांस्कृतिक और मनोरंजक स्थान बनाने का लक्ष्य
प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक अब तक नोएडा को ज्यादातर कॉन्डोमिनियम और काॅमर्शियल बिल्डिंग और एक्टिविटी वाले शहर के रूप में माना जाता है। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डा लोकेश एम ने कहा कि इस परियोजना का सबसे पहला उद्देश्य नोएडा के लिए एक ऐसी सांस्कृतिक पहचान विकसित करना है, जो पूरे देश को एक धागे में पिरोने के जैसी हो। साझा सामाजिक, सांस्कृतिक और मनोरंजक स्थान बनाकर लोगों के आपसी जुड़ाव के साथ सामुदायिक सदभाव को बढ़ावा देना है। यह प्रयास नोएडा को इंडस्ट्रियल सिटी के साथ ही लाइव, सेल्फ सस्टेनेबल और रहने योग्य शहर के रूप में इसकी पहचान को बढ़ाने के लिए है।