Tricity Today | नोएडा में 4 करोड़ में लगाया स्मॉग टावर हटाया
Noida News : वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए अक्टूबर 2021 में बीएचईएल और नोएडा प्राधिकरण द्वारा लगाए गए 4 करोड़ रुपये की लागत वाले स्मॉग टावर को अब हटा दिया गया है। यह स्मॉग टावर डीएनडी के पास ग्रीन बेल्ट पर स्थापित किया गया था, जहां इसके लिए कंक्रीट बिछाकर पेड़ भी काटे गए थे। हालांकि, कुछ समय बाद ही इस टावर को निष्क्रिय पाया गया और अब इसे उखाड़कर हटा दिया गया। इसके साथ ही उद्घाटन के समय लगाए गए मंत्री, सांसद और विधायक के नाम वाले बोर्ड को भी उतार लिया गया है।
विक्रांत तोंगड़ ने पहले ही किया था विरोध
स्मॉग टावर के स्थापित होने पर बीएचईएल और नोएडा प्राधिकरण ने बड़े दावे किए थे कि यह आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सुधारने में सहायक होगा। कई रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) ने तो अपने क्षेत्रों में भी ऐसे टावर लगाने की मांग की थी। पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड़ ने शुरुआत से ही इसका विरोध करते हुए कहा था कि यह तकनीक विश्व स्तर पर कहीं भी सफल नहीं हुई है और इस पर खर्च किया गया 4 करोड़ रुपये का सीएसआर फंड एक व्यर्थ निवेश है। उन्होंने इस टावर के प्रभाव को मापने के लिए साइट पर पोर्टेबल एयर क्वालिटी डिवाइस भी लेकर गए थे, जिससे पता चला कि टावर कोई सकारात्मक परिणाम नहीं दे रहा था।
जानकारी के लिए आरटीआई प्रयास भी रहे विफल
पर्यावरणविदों ने आरटीआई के माध्यम से बीएचईएल से टावर की स्थिति और प्रभाव के बारे में जानकारी मांगने का प्रयास किया, लेकिन बीएचईएल के उत्तराखंड और दिल्ली कार्यालयों ने इस विषय पर कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया। हाल ही में विक्रांत की टीम ने डीएनडी पर स्मॉग टावर की स्थिति का निरीक्षण किया तो वहां केवल टूटी ईंटें और कुछ अवशेष ही मिले। बाकी सब हटा लिया गया था।
फिर से आरटीआई दायर करेंगे
विक्रांत तोंगड़ का कहना है कि बीएचईएल और नोएडा प्राधिकरण को जनता और मीडिया को इस तकनीकी प्रयोग के निष्कर्षों के बारे में जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे इस पर फिर से आरटीआई दायर करेंगे और यह मांग करेंगे कि भविष्य में इस तरह की असफल तकनीकों पर फंड नष्ट करने की बजाय उसे वृक्षारोपण या पर्यावरण शिक्षा पर खर्च किया जाए, जिससे समाज को वास्तविक लाभ मिल सके।