Tricity Today | सदरपुर के खसरा नंबर 483 की हजारों मीटर जमीन पर कब्जा
Noida News : नोएडा में भूमाफिया अधिकारियों के संरक्षण में कार्य कर रहे हैं। अथॉरिटी की अर्जित और कब्जा प्राप्त भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करके निर्माण किया जा रहा है, वाहनों की पार्किंग कराई जा रही है और पीजी का संचालन किया जा रहा है। मामला नोएडा के सदरपुर गांव के खसरा नंबर 483 का है। यहां अथॉरिटी के अधिकारी ध्वस्तीकरण को नोटिस चिपकाने के बाद कार्रवाई करना भूल गए हैं।
दो बार जारी हो चुका है नोटिस
सदरपुर के खसरा नंबर 483 की हजारों मीटर जमीन पर अतिक्रमण करके पार्किंग का संचालन करने के साथ पीजी का भी संचालन किया जा रहा है। इस अतिक्रमण को हटाने के साथ इसे ध्वस्त करने के नोटिस भी अथॉरिटी द्वारा चस्पा किए गए हैं, लेकिन इसके आगे कोई कार्रवाई नहीं की गई। पहला नोटिस 30 मई 2022 को दिया गया था। इसके बाद 22 फरवरी 2024 को ध्वस्तीकरण का अंतिम नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते साढ़े सात महीने बाद भी अतिक्रमण नही हटाया गया है।
इन्होंने किया है अतिक्रमण
सदरपुर के खसरा नंबर 483 पर किए गए अतिक्रमण को हटवाने के लिए नोएडा अथॉरिटी द्वारा रायपुर गांव के बलजीत सिंह, रामचंद्र, कुलदीप और प्रदीप के नाम नोटिस जारी था। इससे साफ है कि इन चार लोगों ने अथॉरिटी की अर्जित और कब्जा प्राप्त जमीन पर अतिक्रमण किया गया है। इस जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के संबंध में गांव के एक व्यक्ति द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका डाली गई थी।
कोर्ट के आदेश की हो चुकी है अवमानना
हाईकोर्ट में दायर किए गए वाद में कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा अथॉरिटी ने नोटिस जारी किया और 7 दिन का समय अतिक्रमण करने वालों को दिया कि इस अवधि में स्वयं अतिक्रमण हटा लें, अन्यथा अथॉरिटी अतिक्रमण हटाएगी। कोर्ट के आदेश के बाद भी कार्रवाई न किए जाने के मामले में एक बार कोर्ट की अवमानना भी हो चुकी है। इसके बाद अथॉरिटी ने फिर से ध्वस्तीकरण के लिए अंतिम नोटिस जारी किया और इसे अतिक्रमण वाले स्थान पर जाकर चिपकाया भी गया, लेकिन अतिक्रमण को हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की गई।
कागजों तक सीमित रहती है कार्रवाई
अतिक्रमण हटाने के लिए नोएडा अथॉरिटी के सीईओ कड़ा रुख अपना चुके हैं, लेकिन अधिकारी इसे दरकिनार कर रहे हैं। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सिर्फ नोटिस जारी किए जाने तक ही सीमित रह जाती है। नोटिस में 7 दिन का समय दिया जाता है और 7 महीने के बाद भी प्राधिकरण की तरफ से अतिक्रमण हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इससे साफ है कि अधिकारी ही नाेएडा क्षेत्र में अतिक्रमण करने वालों को संरक्षण दे रहे हैं।