अमरिकी नागरिकों के साथ कर रहे थे ठगी, 14 युवतियों सहित 43 लोग गिरफ्तार 

नोएडा में दो फर्जी कॉल सेंटरों का खुलासा : अमरिकी नागरिकों के साथ कर रहे थे ठगी, 14 युवतियों सहित 43 लोग गिरफ्तार 

अमरिकी नागरिकों के साथ कर रहे थे ठगी, 14 युवतियों सहित 43 लोग गिरफ्तार 

ट्राई सिटी | पुलिस गिरफ्त में आरोपी

Noida News : नोएडा के सेक्टर-63 और 64 में चल रहे दो फर्जी कॉल सेंटरों का सेक्टर-63 थाना और फेस-3 थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करके खुलासा किया है। इन कॉल सेंटरों से अमेरिकी नागरिकों को पॉप-अप मैसेज भेजकर ठगी करने का धंधा चल रहा था। आरोपी मैसेज के माध्यम से उनके बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स हासिल करते थे। पुलिस ने दोनों कॉल सेंटर से 43 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें 14 युवतियां शामिल हैं। पुलिस टीम को मौके से भारी मात्रा में इलेक्ट्रोनिक डिवाइस बरामद हुए है। जिनके माध्यम से आरोपी ठगी की घटना को अंजाम दे रहे थे। 

ई-मेल ब्लास्टिंग तकनीक का करते थे उपयोग 
नोएडा सेंट्रल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि यह कॉल सेंटर रोहिणी दिल्ली निवासी सागर शर्मा नाम के आरोपी द्वारा चलाया जा रहा था और इससे जुड़े अधिकतर आरोपी नॉर्थ ईस्ट के युवा हैं, जो फर्रांटेदार अंग्रेजी में बात करके विदेशियों को अपना शिकार बना रहे थे। छापेमारी के दौरान पुलिस टीम को गिरफ्तार आरोपियों के पास से 66 लैपटॉप, 37 हैंडसेट, लैपटॉप चार्जर और 13 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। ये आरोपी अमेरिकी नागरिकों को धोखा देने के लिए ई-मेल ब्लास्टिंग तकनीक का उपयोग करते थे। जिससे एक साथ लाखों ई-मेल भेजे जाते थे। जैसे ही नागरिकों ने इन ई-मेल पर क्लिक किया, उनके कंप्यूटर और लैपटॉप में खराबी आने लगती थी। इसके बाद ये खुद को माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड साइबर एक्सपर्ट बताकर उनसे संपर्क करते थे।

बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से लेते थे रुपये
पकड़े गए आरोपी विश्वास हासिल करने के लिए फेडरल रिजर्व सिस्टम के नाम से फर्जी दस्तावेज भी ग्राहक को भेजते थे। इसके जरिए वे पैसे की मांग करते थे और सिस्टम को ठीक करने के लिए सर्विस चार्ज के नाम पर रकम लेते थे। आरोपी ठग बारकोड भेजकर बिटकॉइन और क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से रुपये ट्रांसफर कराते थे। रुपये लेने के बाद ये लोग उस कस्टमर को ब्लॉक कर देते थे। पुलिस इस मामले में गहन जांच कर रही है।

आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने का दिखाते थे डर
पकड़े गए अपराधियों द्वारा अमेरिकी नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी नंबर से संबंधित आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने का डर दिखाकर डराया जाता था। जिसके बाद वे उन्हें जेल भेजे जाने की चेतावनी देकर गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पैसे हासिल करते थे। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है, ताकि इस पूरे गिरोह का पता लगाया जा सके।

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