यूनिटेक की फ्लैट बायर्स को धमकी, बकाया क्लियर करने के बाद मानो कांट्रेक्ट की नई शर्तें, नहीं तो आवंटन होगा रद्द 

रियल एस्टेट से बड़ी खबर : यूनिटेक की फ्लैट बायर्स को धमकी, बकाया क्लियर करने के बाद मानो कांट्रेक्ट की नई शर्तें, नहीं तो आवंटन होगा रद्द 

यूनिटेक की फ्लैट बायर्स को धमकी, बकाया क्लियर करने के बाद मानो कांट्रेक्ट की नई शर्तें, नहीं तो आवंटन होगा रद्द 

Tricity Today | Symbolic

Noida News : सरकार द्वारा यूनिटेक ग्रुप के लिए नियुक्त किए गए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने कंपनी द्वारा बताए गए बकाया भुगतान न करने वाले फ्लैट बायर्स को चेतावनी जारी की है। फ्लैट बार्य को धमकी दी जा रही है कि बकाया का भुगतान न करने पर उनके फ्लैटों के कंस्रूट्रक्शन बंद कर दिया जाएगा और फ्लैट का आवंटन भी केंसिल किया जा सकता है। बायर्स को यह नोटिस उस समय दिया गया है कि जब करीब एक दशक बाद यूनिटेक के कुछ प्रोजेक्ट का निर्माण फिर से शुरू किया गया है।

बायर्स को नोटिस में दी खुली धमकी 
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने कहा है कि निर्माण कार्य को जारी रखने के लिए पैसे की व्यवस्था के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। बायर्स को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि अधिकांश प्रोजेक्ट में फ्लैट बायर्स अपना बकाया पैसे का भुगतान समय से करने में लापरवाही बरत रहे हैं। बायर्स को समझना चाहिए कि पैसे के अभाव में मैनेजमेंट के लिए निर्माण कार्य को जारी रखना और ठेकेदार को भुगतान करना मुश्किल हो जाएगा। बायर्स को सीधे तौर पर धमकी दी गई है कि स्थिति में सुधार न होने पर दो ही विकल्प होंगे। पहला, ठेकेदार को उन फ्लैट का काम बंद करने की सलाह दी जाए, जिनका पैसा बकाया है या फिर फ्लैट का आवंटन ही रद्​द कर दिया जाए।

ग्रेटर नोएडा के प्रोजेक्ट की हालत खराब 
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के साथ ही यूनिटेक की गुरुग्राम, अंबाला और भुवनेश्वर में प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य फिर से चालू हो गया है। ग्रेटर नोएडा के प्रोजेक्ट की स्थिति काफी खराब है। यूनिटेक कैस्केड में घर खरीदने वालों ने बोर्ड द्वारा उठाए गए 3.3 करोड़ रुपये की मांग के मुकाबले 1.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। यूनिटेक हाइट्स जैसे अन्य प्रोजेक्ट की हालत भी काफी खराब है। यहां 71 लाख रुपये की मांग में से मात्र 4 लाख रुपये का भुगतान बायर्स ने किया है। यूनिटेक हैबिटेट में बोर्ड ने 12.6 करोड़ रुपये मांगे, लेकिन सिर्फ 4.4 प्रतिशत ही पैसे मिल सके। होराइजन में कंप्लाइंस रेट 25.7 प्रतिशत है। यहां 8.1 करोड़ रुपये की मांग हुई, लेकिन 2 करोड़ रुपये एकत्र हुए। वर्व में केवल 7 करोड़ रुपये में से मात्र 87 लाख रुपये बोर्ड को मिल सके हैं।

गुरुग्राम में स्थिति कुछ बेहतर 
गुरुग्राम में यूनिटेक एस्केप में बोर्ड को 1 करोड़ रुपये के सापेक्ष 47 लाख रुपये मिले हैं। सनब्रीज में 23.2 करोड़ रुपये की मांग में से 18.3 करोड़ रुपये बोर्ड को मिले हैं। विस्टास में 26.5 करोड़ रुपये में से 20.2 करोड़ रुपये का भुगतान बोर्ड को किया गया है। यूनिटेक बोर्ड ने कहा कि उसे सूत्रों से पता लगा है कि कई फ्लैट बायर्स जानबूझकर भुगतान में देरी कर रहे हैं, जिससे भुगतान में देरी करने पर उन्हें कम पैनाल्टी देनी पड़े।

बायर्स की सुविधा के लिए रिवाइज पेमेंट प्लान किया लागू 
बायर्स के लिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा लाए गए रिवाइज पेमेंट प्लान के तहत बायर्स को बकाया राशि पर 9 प्रतिशत साधारण ब्याज का भुगतान करना जरूरी है। जुर्माना चुकाना आर्थिक रूप से अधिक जरूरी है। हालांकि बायर्स द्वारा भुगतान में देरी किए जाने से निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है। निर्माण कार्य को नियमित करने के साथ उसे पटरी पर लाने के लिए कार्य कर रहे ठेकेदार को भी लगातार पैसे का भुगतान किए जाने की जरूरत है।

नोएडा के बायर भुगतान न करने में सबसे आगे 
बोर्ड ने बताया कि नोएडा के कुछ खरीदार जानबूझकर भुगतान नहीं कर रहे हैं। यूनिटेक गोल्फ एंड कंट्री क्लब परियोजना के एम्बर टॉवर 2 में एक फ्लैट बायर पर 1.9 करोड़ रुपये बकाया है। बार-बार नोटिस के बाद बायर ने मात्र 23.9 लाख रुपये जमा किए हैं। बरगंडी टॉवर 1 में एक फ्लैट बायर पर 68.8 लाख रुपये बकाया है, जबकि निर्माण 30वीं मंजिल तक पहुंच गया है।

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