बुलंदशहर शराब कांडः पुलिस ने मुख्य आरोपी को दिल्ली से किया गिरफ्तार, पुलिसकर्मियों और आबकारी विभाग पर गिरी गाज, पूरी जानकारी

Google Image | बुलंदशहर शराब कांड का मुख्य आरोपी कुलदीप



बुलंदशहर शराब कांड में उत्तर प्रदेश पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने मुख्य आरोपी कुलदीप को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। बुलंदशहर में जहरीली शराब पीने से शुक्रवार को 5 लोगों की मौत हो गई। अन्य 17 की हालत नाजुक है। उनका इलाज चल रहा है। मामला सिकंदराबाद कोतवाली क्षेत्र के जीतगढ़ी गांव का है। घटना के बाद एक्शन लेते हुए राज्य सरकार ने कोतवाली प्रभारी, चौकी प्रभारी और दो बीट सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया है।

इन सभी पर काम में ढिलाई बरतने का आरोप है। प्रदेश के कानून-व्यवस्था के एडीजी प्रशांत कुमार ने शुक्रवार शाम को मीडिया को इस बारे में जानकारी दी। साथ ही राज्य सरकार ने आबकारी विभाग के अफसरों को भी मामले में दोषी माना है। सरकार ने मेरठ संयुक्त आबकारी आयुक्त और मेरठ उप आबकारी आयुक्त को लखनऊ मुख्यालय भेज दिया गया है। फिलहाल यह दोनों मुख्यालय में अपनी सेवाएं देंगे। इसके अलावा जिला आबकारी अधिकारी को कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में आबकारी मुख्यालय से जोड़ दिया गया है।

प्रशासन ने सिकंदराबाद आबकारी निरीक्षक प्रभात वर्धन, एक प्रधान आबकारी सिपाही और 2 आबकारी सिपाहियों को भी निलंबित कर दिया है। घटना के बाद से ही गांव के लोगों में भारी रोष है। गांव वालों का आरोप है कि पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से ही जहरीली शराब का कारोबार खूब फलफूल रहा था। पुलिस और आबकारी विभाग समेत दूसरे विभाग इन सभी शराब माफियाओं को संरक्षण दे रहे थे। इस संबंध में ग्रामीणों ने अधिकारियों से कई बार शिकायत की थी, पर समय रहते किसी ने कार्रवाई नहीं की। अगर प्रशासन ग्रामीणों की शिकायतों पर वक्त रहते एक्शन लेता, तो आज 5 लोग जिंदा होते। 

जीतगढ़ी में एक-एक कर गांव के पांच युवक सुखपाल, सतीश, कालवा, सरजीत और पन्नालाल की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई। इसके बाद से गांव में मातम का माहौल है। आसपास के गांव में भी लोग प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। इन सभी की मांग है कि आरोपियों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई हो। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही दोषियों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया है। 

मृतकों के परिजनों और अस्पताल में इलाज करा रहे पीड़ितों ने दोषी पुलिसकर्मियों और आबकारी विभाग के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की है। लोगों ने कहा है कि अगर प्रशासन दोषी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को बचाने का प्रयास करेगा, तो गांव के लोग इसके विरोध में थाने और मुख्यालय का घेराव करेंगे। मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने लोगों को समझाया। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि दोषियों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जा रही है।

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