New Delhi : आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी नेता राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने लंबी पूछताछ के बाद संजय सिंह को गिरफ्तार किया है। बता दें कि बुधवार की सुबह करीब 7 बजे ED की एक टीम संजय सिंह के दिल्ली स्थित घर पहुंच गई थी। बताया जा रहा है कि करीब सात से आठ अधिकारियों की एक टीम दिल्ली सरकार की शराब नीति केस को लेकर संजय सिंह से लंबी पूछताछ की। इस छापेमारी पर आम आदमी पार्टी की ओर से ट्वीट किया गया था कि 15 महीनों में 1000 से ज्यादा रेड की जा चुकी है, लेकिन जांच एजेंसी को अभी तक कुछ भी नहीं मिला है। आप प्रवक्ता रीना गुप्ता ने कहा, सबसे पहले, उन्होंने कल कुछ पत्रकारों के आवास पर छापेमारी की और आज, संजय सिंह के आवास पर छापेमारी की गई।
संजय सिंह पर ये हैं आरोप
प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट में संजय सिंह पर 82 लाख रुपये का चंदा लेने का जिक्र है। इसको लेकर ही ED (Enforcement Directorate) बुधवार को उनके घर पहुंची और उनसे पूछताछ कर रही है। दिल्ली शराब नीति केस में ईडी की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट 2 मई को जारी की गई थी। जिसमें में आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद राघव चड्ढा का भी नाम सामने आया था। हालांकि, उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है। इससे पहले 24 मई को इसी केस में संजय सिंह के करीबियों के यहां ईडी ने छापा मारा था। तब संजय सिंह ने कहा था कि मैंने ईडी की फर्जी जांच को पूरे देश के सामने उजागर किया। इसलिए मेरे सहयोगियों अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा के घर छापा मारा है।
कल पत्रकारों के यहां, आज संजय के घर छापेमारी
संजय सिंह के घर ईडी की छापेमारी को लेकर आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया कि संजय सिंह अडानी के मुद्दे पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं और इसी वजह से उनके आवास पर छापेमारी की जा रही है। केंद्रीय एजेंसियों को पहले भी कुछ नहीं मिला और आज भी कुछ नहीं मिलेगा।
जनवरी में जुड़ा था नाम, संजय का हंगामा
इसी साल जनवरी में ED ने अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम जोड़ा था। इसको लेकर संजय सिंह ने काफी हंगामा मचाया था। दरअसल, मई में संजय सिंह ने दावा किया कि ईडी ने उनका नाम गलती से जोड़ दिया है। जिस पर ED ने जवाब दिया कि, हमारी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम चार जगह लिखा गया है। इनमें से तीन जगह नाम सही लिखा गया है। सिर्फ एक जगह टाइपिंग की गलती हो गई थी। जिसके बाद ED ने संजय सिंह को मीडिया में बयानबाजी न करने की सलाह दी थी, क्योंकि मामला कोर्ट में लंबित है।
लाइसेंस जारी करने को लेकर लगे आरोप
दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने शराब की बिक्री को लेकर लाइसेंस जारी करने और ठेके-बार चलाने के लिए नई आबकारी नीति को लागू किया गया था। नीति के जरिए होटल, बार, क्लब और रेस्तरां के मालिकों को रात तीन बजे तक खोलने की इजाजत दी गई। वहीं, कुछ लोगों को लाइसेंस देकर 24 घंटे भी दुकानें खोलने की इजाजत मिल गई। इस नीति के तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटकर लाइसेंस जारी किए गए थे। बाद में लाइसेंस जारी करने को लेकर दिल्ली सरकार पर घोटाले के आरोप लगे।