खास खबर : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर हर 500 मीटर के दायरे में वाहनों पर होगी नजर, सुरक्षा और सफर होगा आसान, जानिए हाईटेक इंतजाम

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New Delhi : दिल्ली-मुंबई के बीच बनने वाले करीब 1,350 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण तेज गति के साथ चल रहा है। फिलहाल, उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली (एटीएमएस) के तहत आठ लेन वाले इस एक्सप्रेसवे पर सड़क सुरक्षा के लिहाज काफी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। एक्सप्रेसवे पर हर पांच सौ मीटर की दूरी पर उच्च तकनीक वाले कैमरे लगाए जा रहे हैं। इन कैमरों की रेंज 500 मीटर तक होगी। इसके माध्यम से चारों तरफ की गतिविधियों पर नजर होगी। सोहना के समीप अलीपुर से अलवर के बीच कैमरे लगाने की तैयारी भी हो चुकी है। 

तत्काल मदद पहुंचाई जाएगी
इस एक्सप्रेसवे को हाईटेक तरीके से बनाया जा रहा है। दिल्ली से मुंबई तक बिना रुके यात्री फर्राटा भरते हुए जाएंगे। एक्सप्रेसवे को हर खास तकनीक से जोड़ा जा रहा है। हर 20 किलोमीटर की दूरी पर गश्त वाहन की सुविधा मिलेगी। कोई वाहन यदि पांच मिनट से ज्यादा एक्सप्रेसवे के किनारे रुकता है तो नियंत्रण कक्ष को इसकी जानकारी हो जाएगी और आपात स्थिति में मौके पर तत्काल मदद पहुंचाई जाएगी। कैमरों की निगरानी से भी वाहनों पर नजर रखी जाएगी। 

3 घंटे का समय 60 मिनट में होगा तय
इसके पीछे मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की कनेक्टिविटी को बेहतर करना है। फिलहाल दूरी तय करने में लगभग 24 घंटे लग जाते हैं। एक्सप्रेस-वे बनाए जाने के बाद 12 घंटे में दूरी तय की जा सकेगी। यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। इसके बन जाने के बाद दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी केवल 12 घंटे में तय हो जाएगी। जो फिलहाल 24 घंटे में तय होती है। यानी कि दिल्ली से मुंबई पहुंचने के लिए 50 प्रतिशत समय कम लगेगा। इस प्रोजेक्ट के साथ चल रहा है। हरियाणा राज्य में इसका क्षेत्रफल 80 किलोमीटर है। हरियाणा में गांव अलीपुर से लेकर फिरोजपुर झिरका तक मुम्बई एक्सप्रेसवे निकल रहा है। अभी इस सफर को तय करने के लिए करीब 3 घंटे का समय लगता है, लेकिन एक्सप्रेसवे बनने के बाद कुल एक घंटे में यह सफर तय होगा। 

जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा
आपको बता दें कि हरियाणा के बल्लभगढ़ में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को जोड़ने के लिए 30 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाना है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने हिस्से में निर्माण और जमीन अधिग्रहण के लिए 486 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इस 30 किलोमीटर लम्बी सड़क में से केवल 8.5 किलोमीटर यूपी में आती है, जबकि शेष हरियाणा में है। यूपी सरकार ने राज्य में पड़ने वाली सड़क के लिए लगभग 90 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करने, यमुना एक्सप्रेसवे के पास एक इंटरचेंज बनाने और लिंक के निर्माण की लागत का 50 प्रतिशत वहन करने के लिए राशि स्वीकृत की है। हरियाणा में पड़ने वाली सड़क का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। यूपी सरकार और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की कनेक्टिविटी बेहतर बनाने पर जोर दे रहे हैं।

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