Delhi Mukherjee Nagar Fire Video : जान हथेली पर रखकर करते हैं हजारों बच्चे आईपीएस-आईएएस की तैयारी, अभी 5000 कोचिंग सेंटर मौत के मुंह में

Tricity Today | दिल्ली मुखर्जी नगर आग



New Delhi : दिल्ली के लोगों का कहना है कि आज तो मुखर्जी नगर हादसे में किसी तरीके से लोगों की जान बचा ली गई, लेकिन अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं, जब तंग गलियों और बिजली लाइन की वजह से लोगों की मौत होंगी। ताजा मामला गुरुवार की दोपहर आया है। जहां पर एक कोचिंग सेंटर में आग लग गई। हादसे के वक्त कोचिंग सेंटर में काफी लोग मौजूद थे। तीसरी मंजिल से रस्सी के सहारे नीचे कूदकर छात्रों और छात्राओं ने अपनी जान बचाई है। यह सभी बच्चे आईपीएस-आईपीएस जैसे एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं।

 एक छात्रा और 3 छात्र घायल
दिल्ली के नॉर्थ साउथ में स्थित मुखर्जी नगर में काफी सारे कोचिंग सेंटर संचालित है। इनमें से एक कोचिंग सेंटर में गुरुवार की दोपहर आग लग गई। इस हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। जिस समय हादसा हुआ, उस समय कोचिंग सेंटर में काफी संख्या में लड़के और लड़कियां मौजूद थे। घटना की जानकारी दमकल विभाग की टीम को दी गई। दमकल विभाग की 11 गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। आग लगने की वजह से कोचिंग सेंटर से नीचे जाने के रास्ते बंद हो गए। जिसके बाद शीशा तोड़कर रस्सी के सहारे सभी स्टूडेंट्स को कोचिंग सेंटर के बाहर निकाला गया। इस हादसे में एक छात्रा और 3 छात्र घायल हो गए हैं, जिनको इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट करवाया गया है। यह घटना काफी दर्दनाक है और नियमों को लेकर सवाल खड़े भी होते हैं। यहां पर करीब 5,000 से भी ज्यादा कोचिंग सेंटर हैं
दरअसल, मुखर्जी नगर में करीब 5,000 से भी ज्यादा कोचिंग सेंटर हैं, लेकिन इनमें रेगुलेशन का कोई प्रावधान नहीं है। जिस बिल्डिंग में हादसा हुआ है, उसको ज्ञान बिल्डिंग के नाम से जाना जाता है। आवागमन करने के लिए दो रास्ते हैं और दोनों रास्ते काफी तंग है। मुश्किल से 2 फुट की गली है। गली में नीचे लोग चलते हैं और ऊपर बिजली के खंभे तार सांप की तरह पड़े होते हैं। जो हादसा गुरुवार को हुआ है, वह शॉर्ट सर्किट की वजह से ही हुआ। दिल्ली की जनता का सवाल है कि इन कोचिंग सेंटर के लिए नियम क्यों नहीं बनाए जाते और अगर नियम है तो उनका पालन क्यों नहीं किया जाता?

वर्ष 2019 में हुई थी 20 से ज्यादा स्टूडेंट्स की मौत
आपको याद होगा कि वर्ष 2019 में सूरत कोचिंग सेंटर में आग लग गई थी। उस हादसे में करीब 20 से भी ज्यादा स्टूडेंट्स मर गए थे। उसके बावजूद भी नियमों की अनदेखी की जा रही है। दिल्ली की जनता का कहना है कि नियम बनाने के कुछ दिनों बाद तक सब कुछ ठीक-ठाक चलता है। अधिकारी भी संज्ञान लेते हैं, लेकिन दो-तीन हफ्ते बाद सब शांत हो जाता है। नियमों का उल्लंघन होता है, लेकिन कोई देखने वाला नहीं होता।

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