काम की खबर : 60 दिनों के भीतर एनसीआर के इस इलाके में शुरू हो जाएगा दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे, घंटों का सफर मिनटों में होगा तय, पढ़िए खास जानकारी

Google Image | Delhi Mumbai Expressway



News Delhi : दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) का काम काफी तेज गति के साथ चल रहा है। अगले 60 दिनों के भीतर दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे पर अलीपुर से अलवर (Alipore to Alwar) के बीच वाहन दौड़ने लगेंगे। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी कि एनएचएआई (NHAI) पूरी तैयारी कर रहा है। फिलहाल, फिरोजपुर झिरका से अलवर के बीच का मार्ग तैयार हो गया है। एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया कि अलीपुर से लेकर अलवर तक का मार्ग काफी जल्दी बनकर तैयार हो जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले 60 दिनों के भीतर अलीपुर से लेकर अलवर के बीच वाहन दौड़ने लगेंगे। 

3 घंटे का समय 60 मिनट में होगा तय
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे की लंबाई 1340 किलोमीटर है। यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। इसके बन जाने के बाद दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी केवल 12 घंटे में तय हो जाएगी। जो फिलहाल 24 घंटे में तय होती है। यानी कि दिल्ली से मुंबई पहुंचने के लिए 50 प्रतिशत समय कम लगेगा। इस प्रोजेक्ट के साथ चल रहा है। हरियाणा राज्य में इसका क्षेत्रफल 80 किलोमीटर है। हरियाणा में गांव अलीपुर से लेकर फिरोजपुर झिरका तक मुम्बई एक्सप्रेसवे निकल रहा है। अभी इस सफर को तय करने के लिए करीब 3 घंटे का समय लगता है, लेकिन एक्सप्रेसवे बनने के बाद कुल एक घंटे में यह सफर तय होगा।

इस एक्सप्रेसवे पर नहीं वसूला जाएगा टोल
एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया कि हरियाणा के अलीपुर से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर चढ़ा जाएगा। अलीपुर में ही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को गुरुग्राम-अलवर हाईवे से जोड़ा गया है। दिल्ली की तरफ से आने वाले वाहन गुरुग्राम-अलवर हाईवे से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर चढ़ जाएंगे। अलीपुर एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा जंक्शन होगा। राहत की बात यह है कि अलीपुर से लेकर अलवर तक कहीं पर भी टोल नहीं वसूला जाएगा। 

जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा
आपको बता दें कि हरियाणा के बल्लभगढ़ में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को जोड़ने के लिए 30 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाना है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने हिस्से में निर्माण और जमीन अधिग्रहण के लिए 486 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इस 30 किलोमीटर लम्बी सड़क में से केवल 8.5 किलोमीटर यूपी में आती है, जबकि शेष हरियाणा में है। यूपी सरकार ने राज्य में पड़ने वाली सड़क के लिए लगभग 90 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करने, यमुना एक्सप्रेसवे के पास एक इंटरचेंज बनाने और लिंक के निर्माण की लागत का 50 प्रतिशत वहन करने के लिए राशि स्वीकृत की है। हरियाणा में पड़ने वाली सड़क का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। यूपी सरकार और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की कनेक्टिविटी बेहतर बनाने पर जोर दे रहे हैं।

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