गाजीपुर बॉर्डर : प्रशासन ने 15 सांसदों को प्रदर्शन स्थल पर जाने से रोका, पुलिस से हुई नोकझोंक, जानें आगे क्या हुआ

Google Image | सांसदों को गाजीपुर बॉर्डर पर जाने से रोक दिया गया



केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को देश-दुनिया से समर्थन मिल रहा है। गुरुवार को देश के प्रमुख विपक्षी दलों के 15 सांसद गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों और नेताओं से मिलने जा रहे थे। पर पुलिस-प्रशासन ने सांसदों को धरनास्थल जाने से रोक दिया। इस बात को लेकर सांसदों और पुलिस अधिकारियों के बीच बहस भी हुई। पर फिलहाल सांसद बॉर्डर पर नहीं पहुंच सके हैं। 

बताते चलें कि तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में देश भर में किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के सदस्य राकेश टिकैत की अगुवाई मे गाजीपुर बार्डर पर जमें हुए हैं। सभी विपक्षी पार्टियों के 15 सांसद इन्ही किसानों से मिलने जा रहे थे। इनसे मुलाकात के बाद सभी माननीय लोकसभा अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। 

प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने जा रहे 15 सांसदों के समूह में शिरोमणि अकाली दल (शिअद), द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और तृणमूल कांग्रेस समेत अन्य दलों के सांसद शामिल थे।  शिअद नेता हरसिमरत कौर बादल ने बताया कि नेताओं को अवरोधकों को पार करने से रोक दिया गया। प्रशासन हमें प्रदर्शन स्थल पर जाने की अनुमति नहीं दे रहा है। 

हरिसमरत के अलावा राकांपा सांसद सुप्रिया सुले, द्रमुक से कनिमोझी और तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय धरनास्थल पर जा रहे थे। नेशनल कॉन्फ्रेंस, रेव्ल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) और इंडिनय यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सदस्य भी किसानों से मिलने जा रहे थे। इससे पहले बुधवार को संसद में चर्चा के दौरान अनेक विपक्षी दलों ने सरकार से तीनों विवादित कानूनों को वापस लेने की अपील की थी। इन दलों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ 'दुश्मनों जैसा वर्ताव नहीं करने की गुजारिश भी की थी।

अन्य खबरें