विरासत: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के कमरे में बैठेंगे जेपी नड्डा, 17 साल बाद हटी नेमप्लेट, जानें कुछ रोचक तथ्य

Google Image | BJP National President JP Nadda



संसद भवन के कमरा नंबर-4 के बाहर लगे नेमप्लेट को बदल दिया गया है। 17 साल बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई (Former PM Atal Bihari Vajpayee) का नेमप्लेट इस कमरे के गेट के पास से हटा दिया गया है। इसे भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) को सौंपा गया है। वह इसी कमरे से कार्यालय का काम करेंगे। कमरा नंबर-4 बीजेपी के संसद भवन के ऑफिस के ठीक बगल में है। 

साल 2004 में अटल बिहारी वाजपेई चुनाव हार गए थे। उसके बाद एनडीए के अध्यक्ष के रूप में उन्हें यह कमरा दिया गया था। हालांकि वह यहां बहुत कम बैठते थे। साल 2018 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का निधन हो गया। उसके बाद भी यह नेमप्लेट कमरे के बाहर लटकी रही। बड़ी बात ये है कि साल 2009 में कमरा नंबर-4 भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) को भी दिया गया था। 


इसलिए उनका नेमप्लेट भी लगा था। पिछले आम चुनाव 2019 के पहले तक लालकृष्ण आडवाणी यहीं बैठते थे। एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत साल 2014 में 1 दिन के लिए उनकी नेमप्लेट हटाई गई थी। इससे वह बहुत नाराज हुए थे और सेंट्रल हॉल में बैठ गए। अगले ही दिन उनकी नेमप्लेट लगा दी गई थी। लेकिन अब भाजपा अटल-आडवाणी युग से बाहर निकल चुकी है। 

अटल बिहारी वाजपेई दुनिया में नहीं रहे। लालकृष्ण आडवाणी मार्गदर्शक की भूमिका में हैं। इसीलिए इस कमरे को पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपा गया है। बीते मंगलवार को वाजपेई का नेमप्लेट हटा दिया गया है। इससे पहले जेपी नड्डा राज्यसभा के सदस्य के लिए रिजर्व एक कमरे में बैठते थे।

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