Social Media | उपद्रवियों ने लाल किले पर खालिस्तानी झंडा नहीं फहराया
मंगलवार को दिल्ली में शांतिपूर्ण किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवियों ने खूब हंगामा काटा है। किसानों ने इस गणतंत्र दिवस को काला दिन का नाम दिया था। जिसको साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यहां तक की किसानों के साथ मिले हुए उपद्रवियों ने लाल किले पर भी धावा बोल दिया। जहां पर हमेशा सिर्फ तिरंगा फहराया जाता था। वहां पर एक दूसरा झंडा भी फहराया गया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हो रही है कि उपद्रवियों ने लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराया है। लेकिन यह फेक पोस्ट है।
लाल किले पर प्रदर्शन के दौरान खालिस्तानी झंडा नहीं बल्कि सिखों का झंडा निशान साहिब फहराया गया है। इस झंडे पर निशान साहिब का प्रतीक है। यह झंडा गुरुद्वारों और सिख धार्मिक स्थानों पर लगाया जाता है। बल्कि खालिस्तानी झंडे पर खालिस्तान लिखा हुआ होता है।
रिपोर्ट के अनुसार पता चला है कि खालिस्तानी झंडा हल्के पीले रंग का होता है और सिख धार्मिक झंडा केसरी रंग का होता है। लेकिन जो लाल किले पर झंडा फहराया गया है, उसे झंडे का रंग केसरी रंग से थोड़ा फीका है। लोगों ने बिना देखे ही इसको खालिस्तानी झंडा बता दिया, लेकिन असल में यह सिख धर्म का झंडा है। इस झंडे की शुरुआत हरगोविंद सिंह ने शुरू की थी। मुगल सम्राट के खिलाफ इस झंडे का प्रयोग किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार इस झंडे का रंग हल्का पीला, केसरिया या नीला भी हो सकता है।