दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस को हराभरा करने की तैयारी : No Pollution के साथ साफ हवा में दौड़ेंगी गाड़ियां, 12 घंटे में तय होगा सफर

Google Image | symbolic



Delhi News : भारत के सबसे हाईटेक दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) पर सफर करने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। इस एक्सप्रेसवे पर धूल प्रदूषण से निपटने और निकटवर्ती अरावली को संरक्षित करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इस साल अक्टूबर से, प्राधिकरण और एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) फरीदाबाद से गुजरने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 18 किलोमीटर के विस्तार के साथ प्लांटेशन परियोजना पर काम करेंगे।

30 से 40 हजार पेड़ों को काटा गया 
साल 2019 में फ़रीदाबाद में एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए हजारों पेड़ों की कटाई की गई। इनकी अनुमानित संख्या 30 से 40 हजार के बीच है। अधिकारियों ने बताया कि एक समझौता ज्ञापन (memorandum of understanding) का प्रस्ताव मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजा गया है। उसके बाद विभाग एनजीओ 'सेव अरावली' के साथ समझौता कर सकता है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो काम अक्टूबर से शुरू हो सकता है। इस काम को पूरा होने में छह महीने का समय लगने की संभावना है।

20 एकड़ में पौधारोपण अभियान की योजना 
वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य धूल प्रदूषण को कम करना और हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर के साथ अरावली के हिस्से का संरक्षण करना है। “हम फ़रीदाबाद में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के बाईं ओर, जहां अरावली के जंगल का हिस्सा है, बाड़ लगाने के साथ ही पौधारोपण शुरू करेंगे। 'अरावली बचाओ' संस्था भी क्षेत्र के संरक्षण के लिए हमारे साथ काम करेगी। फरीदाबाद के प्रभागीय वन अधिकारी राज कुमार ने बताया कि विभाग एक्सप्रेसवे के किनारे 20 एकड़ क्षेत्र में पौधारोपण अभियान की भी योजना बना रहा है। यह एक वनक्षेत्र है। परियोजना का लक्ष्य मृदा सूचकांक, जलस्तर और पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करना है। इससे वन्य जीवन को बढ़ावा देने में भी काफी मदद मिलेगी। हम पौधारोपण और बाड़बंदी भी करेंगे। उन्होंने कहा कि विभाग वर्षा जल संचयन के लिए संरचनाएं स्थापित करेगा, जो मिट्टी की उर्वरता में सुधार और कटाव को रोकने में मदद कर सकती है।

अन्य खबरें