राज्यसभा में गूंजा संस्कृत संरक्षण का मुद्दा : सांसद दिनेश शर्मा ने दिए कई सुझाव, प्राथमिकता देने की मांग

Tricity Today | सांसद दिनेश शर्मा



New Delhi : राज्यसभा में आज संस्कृत भाषा के संरक्षण और प्रोत्साहन का मुद्दा जोरदार तरीके से उठा। उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वर्तमान राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए संस्कृत को प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में अनिवार्य विषय बनाने की मांग की। सांसद ने संस्कृत के उत्थान के लिए कई सुझाव दिए।

राज्यसभा में बोले दिनेश शर्मा
राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने संस्कृत को भारत की सांस्कृतिक धरोहर बताते हुए कहा कि संस्कृत का साहित्य अत्यंत समृद्ध है। वेद, उपनिषद, महाभारत और रामायण जैसे महान ग्रंथ इसी भाषा में लिखे गए हैं। ये ग्रंथ आज भी वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली और पश्चिमी प्रभाव के कारण संस्कृत का अध्ययन कम होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप हमारी युवा पीढ़ी अपने प्राचीन ज्ञान से वंचित हो रही है।

कार्यक्रमों के आयोजन पर दिया जोर 
राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने मांग की कि विश्वविद्यालयों में संस्कृत पाठ्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाए और शोध के लिए विशेष अनुदान दिया जाए। साथ ही, संस्कृत साहित्य का डिजिटल रूप में प्रसार, ऑनलाइन कोर्स और वेबिनार आयोजित करने की भी बात कही। शर्मा ने संस्कृत में नाटकों, कविताओं और संगीत कार्यक्रमों के आयोजन पर भी जोर दिया ताकि इस भाषा के प्रति लोगों में सम्मान बढ़े। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में संस्कृत के उन्नयन का उल्लेख प्रसन्नता का विषय है, लेकिन इसकी उपेक्षा की स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

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