Delhi-NCR : देश में लगातार महंगाई का दौर जारी है। यूक्रेन-रूस के बीच शुरू हुआ युद्ध के बाद आर्थिक स्थिति पर काफी असर पड़ने वाला है। यूक्रेन पर रूस के हमले से बने वैश्विक हालात को देखते हुए तेल की कीमत पहले नौ वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। सरसों का तेल 134 रुपये से 260 रुपये लीटर के बीच बिक रहा है। सूरजमुखी का तेल 130 से 236 तो पाम ऑयल 96 रुपये से 175 रुपये के बीच लोग खरीदने को मजबूर हो गए हैं। इसकी खुद जानकारी उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए गए 4 मार्च के आंकड़े बता रहे हैं।
मतगणना के बाद दिखाई देगा असर
जानकारी के मुताबिक, रूस प्रतिदिन पैंसठ लाख बैरल कच्चा तेल निर्यात करता है। दुनिया में कुल गैस का सत्रह फीसद उत्पादन अकेले रूस में होता है। 9 दिनों से अधिक समय से चल रहे यूक्रेन और रूस के युद्ध के दौरान का असर भारत के घरेलू स्तर पर देखने को मिलेगा। एक्सपर्ट की मानें, युद्ध अगर ऐसे ही आगे बढ़ता गया तो आने वाले दिनों में आम जनता को महंगाई से और जूझना पड़ेगा। लोगों को महंगे पेट्रोल डीजल और महंगाई रसोई गैस के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए। मतगणना के बाद इसका असर धरातल पर देखने को तेजी के साथ मिल सकता है।
दालों के दाम पर भी आया उछाल
कोरोना महामारी के बाद देश में दालों के दामों में भी उछाल देखने को मिला है। अगर दालों के दामों की बात करें तो करें तो अरहर की दाल 70 रुपये से 128 रुपये प्रति किलो के बीच बिक रही है। चार मार्च को करनाल के खुदरा बाजार में अरहर की दाल 128 रुपये प्रति किलो थी तो वहीं सबसे सस्ती जगदलपुर में केवल 70 रुपये। उड़द दाल रीवा में 73 रुपये किलो के दाम से बिक रही है। 149 रुपए एर्नकुलम में 149, मूंग दाल बोडेली में 80 रुपये तो कोषिक्कोड में 137 रुपये, जबकि सबसे सस्ती मसूर दाल होशंगाबाद में 66 रुपये और सबसे महंगी 135 रुपये बेंगलुरु में बिक रही है।
युद्ध का समाधान
आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध हुए 9 दिन से ज्यादा समय बीत चुका है। दोनों देशों के बीच युद्ध के दौरान भारी बमबारी हो रही है। दूसरी तरफ यूक्रेन और रूस के आला अधिकारियों के बीच लगातार शांति के लिए बातचीत चल रही है लेकिन युद्ध का विराम का समाधान अब तक नहीं हो पाया है। रूस की ओर से यूक्रेन के शहरों में भारी तबाही का दौर जारी है। जिसमें अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है।