Ghaziabads News : गाजियाबाद से बड़ी खबर है दीपावली के पूर्व महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती डासना देवी मंदिर पहुंच गए। 29 सितंबर को दिए गए विवादित बयान के बाद 4 अक्टूबर से यति हाउस अरेस्ट थे। उन्होंने कहा है कि दो दिन गाजियाबाद में रखने के बाद पुलिस उन्हें उत्तराखंड के किसी होटल में ले गई, जहां मुझे एक कमरे में बंद रखा गया, कमरे के बाद दो पुलिसकर्मी तैनात थे। यति नरसिंहानंद का कहना है कि मंगलवार शाम मुझे उस कमरे से निकालकर यूपी के बार्डर पर छुड़वा दिया गया। उसके रात में करीब डेढ़ बजे वह डासना मंदिर पहुंच गए।
बम्हेटा से लिया गया गया था हिरासत में
महामंडलेश्वर का कहना है कि 4 अक्टूबर की रात को मैं बम्हैटा गांव में पार्षद प्रमोश यादव के घर ठहरा हुआ था। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर पुलिस वहां पहुंची और मुझे अपने साथ पुलिस लाइन ले गई। पुलिस लाइन से दो दिन बाद पुलिस मुझे उत्तराखंड ले गई और एक होटल के कमरे में रखा। यूपी पुलिस के दो जवान मेरे कमरे के बाहर तैनात रहते थे और मेरा मोबाइल भी उन्हीं के कब्जे में था। हालांकि पर्सनल कॉल करने के लिए मुझे सीमित समय के लिए फोन मिल जाता था।
पुलिस ने बोला है कुछ दिन चुप रहूं
महंत यति नरसिंहानंद का कहना है कि पुलिस ने उन्हें कुछ दिन चुप रहने के लिए कहा है। महंत ने बताया कि मंगलवार शाम को मुझे उस होटल से बाहर निकाला गया। 26 दिन तक एक कमरे में जेल जैसी स्थिति में रखने के बाद पुलिस ने मुझे यूपी बार्डर पर छोड़ दिया, जहां से मैने अपने कुछ सेवकों से संपर्क किया और उनकी मदद से देर रात डासना मंदिर पहुंचा। महंत का कहना है कि वह 26 दिन तक पुलिस की गिरफ्त में रहे हालांकि गाजियाबाद पुलिस ने यति की जानकारी होने से इंकार किया था।