गाजियाबाद में 11 साल बाद फैसला : डिप्टी कमिश्नर कस्टम समेत चार को सजा, अधिकारी की पत्नी ने ली पांच लाख की रिश्वत

गाजियाबाद | 9 महीना पहले | Sonu Singh

Tricity Today | गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट



Ghaziabad News : कंपनी के टायरों की खेप को छुड़ाने के लिए कारोबारी ने दलाल का सहारा लिया। इसके लिए दलाल ने डिप्टी कमिश्नर कस्टम से कारोबारी के टायर छोड़ने की बात कही। अधिकारी ने दलाल के माध्यम से पांच लाख रुपये की मांग कर दी। आरोप है कि अधिकारी ने अपनी पत्नी को रिश्वत की रकम देने की बात कही थी। कारोबारी की शिकायत पर सीबीआई ने अधिकारी के निवास पर दलाल से रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया था।

यह है पूरा मामला
सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ नवंबर-2013 में मामला दर्ज किया था। आरोप था कि नरेंद्र कुमार चुघ ने यूपी में सीमा शुल्क विभाग द्वारा जब्त की गई अपनी कंपनी के टायरों की खेप को छुड़ाने के लिए दलाल सतीश गुप्ता से संपर्क किया था। आरोप था कि सतीश गुप्ता ने कंपनी की जब्त की गई खेप को छुड़ाने की मंजूरी दिलाने के लिए डिप्टी कमिश्नर कस्टम आईसीडी दादरी शशिकांत से संपर्क किया। तब शशिकांत ने सतीश गुप्ता के माध्यम से नरेंद्र कुमार चुघ से पांच लाख की रिश्वत की मांग की। इस मामले की शिकायत पर सीबीआई ने जाल बिछाया और नरेंद्र कुमार चुघ द्वारा शशिकांत की पत्नी श्वेता को उनके नोएडा स्थित आवास पर 29 नवंबर-2013 को रिश्वत के पांच लाख रुपए लेते हुए पकड़ लिया था। 

सुनाई गई सजा
सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने डिप्टी कमिश्नर कस्टम आईसीडी दादरी में तैनात रहे शशिकांत, सहित चार आरोपियों को सजा सुनाई है। इसमें शशिकांत को चार वर्ष की कारावास के साथ आठ लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। उनकी पत्नी श्वेता को दो साल के कारावास के साथ चार लाख रुपए का जुर्माना, नरेंद्र कुमार चुघ, मेसर्स अबान एक्जिम प्राइवेट लि. के तत्कालीन मुख्य प्रमोटर को 4 वर्ष की कारावास के साथ आठ लाख रुपए का जुर्माना एवं सतीश गुप्ता को चार साल के कारावास के साथ आठ लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने चारों पर कुल 28 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।

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