Ghaziabad News : टैक्स घोटाले में यह 3 अफसर कार्रवाई की रडार पर, नगर निगम की कार्यशैली पर उठे सवाल

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Ghaziabad : टैक्स घोटाले मामले में कर निर्धारण अधिकारी महेन्द्र सिंह को शासन ने निलंबित कर दिया है, लेकिन इस घोटाले को लेकर हुई जांच में टैक्स अधीक्षक बनारसीदास, सहित तीन और अधिकारी भी दोषी पाए गए थे। जिनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे नगर निगम की कार्यशैली पर ही अब सवाल उठने लगे है। जब कर निर्धारण अधिकारी महेंद्र सिंह को शासन ने निलंबित कर दिया तो इन अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नही हो रही है।

क्या है टैक्स घोटाला
वसुंधरा जोन स्थित एंजल प्रमोटर्स के टैक्स को लेकर घोटाला हुआ था। आरोप है कि पहले लगे टैक्स को कंपनी ने अदा करने के लिए जो चेक दिया था। उसके बाउंस होने के बाद नगर निगम कंपनी के खिलाफ कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट कंपनी पर कार्यवाई करती उसके बाद नगर निगम ने एंजल कंपनी की प्रॉपर्टी का अलग-अलग 13 पिन बनाए और टैक्स को कम करते हुए कंपनी को डिमांड नोटिस जारी कर दिया। पार्षद अजय शर्मा ने इस प्रकरण की शिकायत की थी। 

यह तीन अफसर कार्रवाई की रडार पर
पार्षद शर्मा की शिकायत पर नगर आयुक्त डॉ.नितिन गौड़ की ओर से जांच कराई गई। जांच अधिकारी डॉ.संजीव सिन्हा ने अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट नगर आयुक्त को दी। रिपोर्ट में उन्होंने पाया कि इस मामले में कर निर्धारण अधिकारी महेंद्र सिंह, कर अधीक्षक बनारसीदास, राजस्व कर निरीक्षक आदि कुल चार निगम कर्मियों को दोषी माना। शासन ने गत दिनों महेंद्र सिंह को इस घोटाले में दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया। नगर आयुक्त द्वारा शासन को कार्रवाई की की गई संस्तुति के आधार पर यह कार्रवाई की गई, लेकिन बाकी के तीन कर्मचारियों पर घोटाले में आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब इस प्रकरण में आरोपियों पर भी जल्द कार्रवाई की संभावना है।

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