गजियाबाद : एचडीएफसी और एक्साईड लाईफ इंश्योरेंस के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले तीन गिरफ्तार

Tricity Today | तीन गिरफ्तार



एचडीएफसी, एक्साईड लाईफ इंश्योरेंस के अधिकारी और कर्मचारी बनकर हजारों लोगों से करोड़ों रूपए की ठगी करने वाले गिरोह के तीन शातिर ठगों को कविनगर पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से पुलिस ने 14 मोबाइल, पासबुक, 5 डाटा पेपर शीट, 20 पॉलिसी लैटर पैड खाली, 6 एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, दो आधार कार्ड, 6 चैकबुक, 10 पॉलिसी लैटर पैड डिटेल समेत, 85 विजिटिंग कार्ड बरामद किया गया। 

पकड़े गये आरोपित इतने शातिर है कि किराए पर बिल्डिंग लेकर गुप्त स्थान पर ठगी का कारोबार संचलित करते थे। 
आरोपियों ने दो माह पूर्व ही राजनगर स्थित दुर्गा टॉवर में ठगी का कारोबार शुरू किया था। इन दो माह में आरोपियों ने करीब 25 लाख रूपए की ठगी की वारदात को अंजाम भी दे दिया। दो माह पूर्व जेल से पैरोल पर बाहर आकर फिर से ठगी का कारोबार शुरू कर दिया, जिन्हें पुलिस ने समय रहते ही दबोच लिया।

बुधवार को घटना का खुलासा करते हुए सीओ इंदिरापुरम एवं साइबर सैैल प्रभारी अभय कुमार मिश्र ने बताया कि साइबर सैल प्रभारी सुमित कुमार, कविनगर थाना प्रभारी संजीव शर्मा की संयुक्त टीम ने फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए मुखबिर की सूचना पर बुधवार सुबह राजनगर स्थित दुर्गा टॉवर के पास से हिमांशु शेखर पुत्र विशम्भर प्रसाद श्रीवास्तव निवासी एसएससी हाइट्स राजनगर एक्सटेंशन, जौनी पुत्र देवी सिंह निवासी कृष्णानगर बागू विजयनगर, संदीप गुपता पुत्र हरिमोहन गुप्ता निवासी एसएससी हाइट्स राजनगर एक्सटेंशन को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गये आरोपी शातिर किस्म के है। 

आरोपियों ने दुर्गा टॉवर में दो माह पूर्व किराए पर ऑफिस लिया था। जिसके बाद एचडीएफसी, एक्साईड लाईफ इंश्योरेंस के अधिकारी एवं कर्मचारी लोगों के साथ ठगी करने लगे। 26 मई को संदीप गुप्ता एवं हिमांशु अलीगढ जेल से पैरोल पर आये है। जो कि पूर्व में ठगी के मामले में जेल जा चुके है। जेल से छूटने के बाद ठगी का कारोबार करने लगे। हिमांशु शेखर 12वीं पास है, जो कि बिहार के लोगों की आईडी पर सिम खरीदकर लाता था और अपने पते बदल-बदल कर बैंक में खाते खुलवाता था। जौनी बीए पास है और कॉल सेंटर का संचालन करता था। संदीप गुप्ता 12वीं पास है। जो कि फर्जी आईडी से बैंक में खुले खातों के एटीएम कार्ड, नेटबैकिंग का लॉगइन अपने पास रखना और पैसे का लेनदेन करता था। 

साइबर सैल प्रभारी सुमित कुमार ने बताया कि पकड़े गये आरोपियों की खाते की जांच की गई है, जिसमें 25 लाख रूपए की डिटेल आर्ई है। अन्य खातों की भी डिटेल मंगाई जा रही है। आरोपित पिछले काफी समय से ठगी का कारोबार कर रहें थे। यह गैंग ठगी करने के लिये फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खाते खुलवाकर ठगे गये लोगों की रकम को अपने फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लेता था। जो कि करोड़ो रूपए की ठगी कर चुके है। 

आरोपी विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों से पॉलिसी धारकों को डाटा खरीद लेते थे। हिमांशु और संदीप ने दिल्ली निवासी अपने साथियों अदनान और पारीफ से ठगी का यह धंधा सीखा था। अदनान और पारीफ भी पैरोल पर जेल से बाहर हैं। आरोपियों द्वारा पॉलिसी पर लोन दिलाने के नाम पर आगरा निवासी एक पीडि़त से 2.50 लाख रुपए ठगने की भी बात सामने आई है। बात सामने आई है।

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