गाजियाबाद में नमो भारत रेल : मेरठ मेट्रो का पहला ट्रेनसेट दुहाई डिपो पहुंचा, देखिए फोटोज सीरीज

गाजियाबाद | 8 महीना पहले | Sonu Singh

Tricity Today | मेरठ मेट्रो का पहला ट्रेनसेट दुहाई डिपो पहुंचा



Ghaziabad News : मेरठ मेट्रो का पहला ट्रेनसेट गाजियाबाद के दुहाई में एनसीआरटीसी डिपो पहुंच गया है। मेरठ मेट्रो के तीन डिब्बों का यह ट्रेनसेट बड़े ट्रकों की मदद से गुजरात के सावली से लाया गया है। जिसे गाजियाबाद के दुहाई में अनलोड किया गया है। अब इसे असेंबलिंग और टेस्टिंग के लिए तैयार किया जा रहा है। 

यह है पूरा मामला
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने हाल ही में मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट के फर्स्ट लुक का अनावरण किया था। जिसके बाद एल्सटॉम ने गुजरात के सावली में एनसीआरटीसी को पहला ट्रेनसेट सौंपा था। यह पहली ट्रेन है, जो मेरठ मेट्रो के लिए डिपो मे पहुची है। अत्याधुनिक डिजाइन वाले इस ट्रेनसेट को पूरी तरह भारत में डिजाइन और निर्मित है और 'मेक इन इंडिया' अभियान के अंतर्गत बनाई गई है। मेरठ मेट्रो के ये ट्रेनसेट ऊर्जा कुशल के हैं। साथ ही हल्के और रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस है, जो स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी), स्वचालित ट्रेन नियंत्रण (एटीसी), और स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) के साथ आते हैं। मेरठ मेट्रो ट्रेन की अधिकतम परिचालन गति 120 किमी प्रति घंटा है। 
मेरठ मेट्रो तीव्र और सुरक्षित
मेरठ मेट्रो उत्तर प्रदेश के मेरठ के निवासियों के लिए एक सुरक्षित, तीव्र और आधुनिक परिवहन साधन की शुरुआत करने जा रहा है। मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट के आने के साथ ही मेरठ मेट्रो का ट्रायल रन जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। मेरठ मेट्रो 13 स्टेशनों के साथ 23 किमी लंबा है। अभी मेरठ मेट्रो का निर्माण तेजी से जारी है और इसके सभी स्टेशन आकार ले रहे हैं। ये देश में पहली बार है कि नमो भारत ट्रेन और मेरठ मेट्रो, दोनों दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के ही बुनियादी ढांचे पर चलेंगी। इसके लिए एनसीआरटीसी ने वैश्विक रेल परिवहन में अग्रणी प्रयास करते हुए लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) पर हाइब्रिड लेवल-3 के साथ यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण प्रणाली (ईटीसीएस) लेवल 2 की सिग्नलिंग प्रणाली अपनायी है। ये मेरठ के भीतर आरआरटीएस और मेट्रो सेवाओं को निर्बाध रूप से एकीकृत करेगा और जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करेगा।

मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट की विशेषताएं
मेरठ मेट्रो के डिजाइन में एक बेहद आकर्षक आधुनिक सौंदर्यबोध शामिल किया गया है। इसमें यात्रियों को अधिकतम आराम, सुरक्षा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। ट्रेन वातानुकूलित हैं, जिनमें आरामदायक बैठने की व्यवस्था, सामान रखने की रैक, ग्रैब हैंडल, यूएसबी डिवाइस चार्जिंग सुविधा और नए जमाने के यात्रियों के लिए आवश्यक अन्य कई सुविधाएं शामिल हैं।
  1. मेरठ मेट्रो 3-कार से मिलकर बनेगी। इसमें एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई 2x2 ट्रांसवर्स और लंबवत (लांगिट्यूडनली) बैठने की व्यवस्था होगी। एक ट्रेन मे 700 से ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे।
  2. मेरठ मेट्रो के ट्रेन अत्याधुनिक हल्के वजन और स्टेनलेस स्टील से निर्मित हैं। 
  3. आरामदायक खड़े होने की जगह, सामान रखने के रैक, सीसीटीवी कैमरे,  डायनामिक रूट मैप्स,  इंफोटेनमेंट सिस्टम, रोशनी-आधारित स्वनियंत्रित प्रकाश व्यवस्था और अन्य सुविधाएं।
  4. मेरठ मेट्रो में भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित करने की बेहतर व्यवस्था होगी। सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) के साथ मेट्रो संचालन को जोड़ा जाएगा, ताकि सुरक्षा का पूरा पालन हो सके।
  5. ऊर्जा खपत में कमी के लिए ट्रेनों के दरवाजों में पुश बटन का प्रयोग किया गया है, जिसकी मदद से सिर्फ वही दरवाजे खुलेंगे जहां पुश बटन को दबाया जाएगा। इसके साथ ही आपातकालीन निकास उपकरण, अग्निशामक यंत्र, अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम जैसे सुरक्षा सिस्टम को एकीकृत किया गया है। 
  6. आपातकालीन स्थिति में मेडिकल स्ट्रेचर ले जाने के लिए ट्रेन में जगह की व्यवस्था, व्हील चेयर के लिए भी स्थान।

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