जिले के 36 निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन प्लांट लगवाने होंगे, जिसमें नामी अस्पताल भी शामिल हैं। शासन की ओर से 50 बेड से अधिक वाले अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत जिले में 53 अस्पताल चिन्हित किए गए, जिसमें से 17 के पास प्लांट हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमितों कों ऑक्सीजन की दिक्कत झेलनी पड़ी थी।
सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत होने लगी थी। ऑक्सीजन की मारामारी के चलते मरीज अस्पतालों के बाहर दम तोड़ रहे थे। इस व्यवस्था को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से निजी और सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने और कंसंट्रेटर की व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए गए। इसी के तहत प्रदेश सरकार की ओर से जिले के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के आवश्यक निर्देश दिए, जिसमें गाजियाबाद में नौ सरकारी अस्पतालों में 3,950 लीटर प्रति मिनट 11 ऑक्सीजन प्लांट लगने हैं।
इसमें से आठ प्लांट लग चुके हैं। अब केवल तीन प्लांट रह गए हैं। वहीं शासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में ऐसे निजी अस्पतालों को चिन्हित किया गया, जिनमें 50 से अधिक बेड की व्यवस्था है। इसके चलते जिले में 53 निजी अस्पताल इस श्रेणी में शामिल थे। इनमें से दस निजी अस्पतालों में विभिन्न क्षमताओं के प्लांट लगे हैं, जो ऑक्सीजन का निर्माण करके सीधा बेड पर सप्लाई होती है। वहीं सात अस्पतालों में लिक्विड ऑक्सीजन स्टोर करने के प्लांट हैं। शेष 36 असपतालों में अभी प्लांट नहीं लगे हैं। एसीएमओ डॉ सुनील त्यागी ने बताया 50 बेड से अधिक क्षमता वाले निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगने आनिवार्य हैं। जिले के 36 अस्पतालों में प्लांट नहीं हैं। यदि समय से प्लांट नहीं लगाए गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।