गाजियाबाद : नेम प्लेट लगी पीपीई किट पहन अस्पताल के दौरे पर राज्य स्वास्थ्य मंत्री, सोशल मीडिया ने सुनाई खरीखोटी

Tricity Today | नेम प्लेट लगी पीपीई किट पहन अस्पताल के दौरे पर राज्य स्वास्थ्य मंत्री



Ghaziabad : उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग ने मंगलवार को गाजियाबाद में स्थित कोविड L-3 संतोष हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। इसके बाद से वह सोशल मीडिया पर यूजर्स के निशाने पर हैं। दरअसल राज्य मंत्री नेम प्लेट लगी पीपीई किट पहनकर अस्पताल के अंदर मरीजों से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मिस्टर अतुल गर्ग हेल्थ मिनिस्टर का टैग लगा रखा था। इसको देखकर सोशल मीडिया यूजर्स भड़क गए। उन्होंने कहा कि सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए राज्य मंत्री ने यह सस्ता हथकंडा अपनाया है। हालांकि पीपीई किट पहनकर इस कोविड  अस्पताल का निरीक्षण करने वाले वे पहले राज्य मंत्री हैं। 

उन्होंने हॉस्पिटल में इलाजरत 36 संक्रमितओं का हालचाल पूछा। साथ ही परिजनों को सहूलियत देने के लिए उन्होंने अस्पताल के नोडल ऑफिसर डॉ मिथिलेश कुमार सिंह से कहा कि मरीजों और परिजनों की रोजाना वीडियो कॉलिंग के जरिए बातचीत कराई जाए। अगर कोई स्वजन संक्रमित से मिलना चाहता है, तो उसे पीपीई किट पहनाकर संक्रमित से जरूर मिलाएं। दरअसल गाजियाबाद में स्थित संतोष अस्पताल में लापरवाही बरतने की शिकायतें सामने आ रही थीं। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में सबसे ज्यादा संख्या में मरीजों की मौत इसी हॉस्पिटल में हुई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य मंत्री ने निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने अपनी नेम प्लेट वाली पीपीई किट पहन रखी थी। 

मंगलवार को उनके दौरे के बाद गाजियाबाद नगर निगम के पार्षद अरविंद चौधरी चिंटू ने इसका एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किया। उन्होंने राज्य मंत्री पर लोकप्रियता हासिल करने के लिए अस्पताल का दौरा करने का आरोप लगाया। इसके बाद ही सोशल मीडिया पर कॉमेंट्स के झड़ी लग गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य मंत्री अतुल गर्ग की तरफ से कहा गया है कि उन्होंने नेम प्लेट वाली पीपीई किट मरीजों की सुविधा के लिए पहन रखी थी। ताकि इलाजरत मरीजों को आसानी से पता चल सके कि राज्य मंत्री उनसे मिलने आए हैं। मरीज खुलकर अपनी परेशानी उन्हें बता सकें। इसका लोकप्रियता से कोई लेना-देना नहीं था। उनके साथ स्वास्थ्य विभाग के कई अफसरों के अलावा संतोष अस्पताल के प्रबंधक भी मौजूद रहे। बातचीत के दौरान कुछ मरीजों ने इलाज में लापरवाही बरतने की शिकायत की थी। इसका संज्ञान लेते हुए उन्होंने अस्पताल के प्रबंधक और नोडल ऑफिसर को आदेश दिया था।

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