सावधान : पहाड़ की बरसात से सूखेगा गाजियाबाद और नोएडा वासियों का गला

गाजियाबाद | 4 महीना पहले | Dhiraj Dhillon

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Ghaziabad News : पहाड़ में बरसात होने से गाजियाबाद और नोएडा वासियों के गले सूखने की नौबत आ जाती है। यह बात आपको सुनने में अजीब लग सकती है लेकिन यह सौ प्रतिशत सच। दरअसल पहाड़ों पर बर्षा होने से गंगा में सील्ट यानि मिट्टी आने लगती है। यदि गंगनहर में जलापूर्ति जारी रखी जाए तो यह सील्ट नहर को ब्लॉक कर सकती है। इसलिए सिचाई विभाग को नहर में जलापूर्ति बंद करनी पड़ती है। वही नौबत आ गई है। गंगनहर बंद होने से गंगाजल प्लांट को पानी मिलना बंद हो गया है। आज से गंगाजल प्लांट से गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन एरिया और नोएडा को गंगाजल आपर्ति बंद कर दी गई है।


नलकूप से आपूर्ति करेंगे निगम और जीडीए
आपको पता होगा कि गंगनहर से प्रताप विहार स्थित गंगाजल प्लांट को जलापूर्ति होती है। यहां जल शोधन करने के बाद गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन एरिया और नोएडा में गंगाजल की जलापूर्ति होती है तभी यहां रहने वालों के गले तर हो पाते हैं, वरना यहां का पानी इतना भारी है कि गले से नीचे न उतर पाए। प्लांट से होने वाली 100 क्यूसेक पानी की आपूर्ति में से 80 क्यूसेक नोएडा और 20 क्यूसेक गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन एरिया में इंदिरापुरम, वसुंधरा, वैशाली, कौशांबी और डेल्टा कालोनी को मिलता है। गंगाजल आपूर्ति बंद होने के बाद गाजियाबाद नगर निगम और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) नलकूपों से जलापूर्ति करेंगे। बता दें कि इंदिरापुरम कालोनी में रखरखाव का कार्य जीडीए देखता है, यह योजना अभी तक  नगर निगम को हस्तांतरित नहीं हो पाई है, इसलिए इंदिरापुरम में जलापूर्ति जीडीए की जिम्मेदारी है।

मौसम संवेदनशील है, पानी उबालकर पिएं : सीएमओ
यह मौसम संचारी रोगों के प्रति अतिसंवेदनशील है। ऐसे में दूषित पानी पीना भारी पड़ सकता है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भवतोष शंखधर का। सीएमओ के मुताबिक दूषित पानी पीने से डायरिया जैसे संक्रामक रोग होने का खतरा रहता है। इसलिए पीने का पानी स्वच्छ होना चाहिए। इसके लिए आप आरओ या फिल्टर का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि पानी को उबालने के बाद छानकर पीना ज्यादा बेहतर होता है। पानी को उबालने से उसका भारीपन (टीडीएस) कम हो जाता है। उबले हुए पानी को छानने से उसकी सारी अशुद्धियां दूर हो जाती हैं।

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