Yamuna Authority News : Greater Noida News : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) को आपस में जोड़ने के लिए रैपिड रेल का सहारा लिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, रेल मंत्रालय और यमुना ऑथोरिटी मिलकर काम कर रहे हैं। रैपिड रेल और कई दूसरी बड़ी परियोजनाओं के लिए बड़े पैसे की जरूरत है। यमुना अथॉरिटी बॉन्ड के जरिये 10 हजार करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। इंफ्रा एंड म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने के लिए प्राधिकरण अपने क्रेडिट स्कोर का आंकलन करेगा। दो कंपनियां क्रिसिल और केयर ने प्राधिकरण की क्रेडिट रेटिंग करने में रुचि दिखाई है। प्राधिकरण बहुत जल्दी कंपनी का चयन कर लेगा। आम आदमी भी बॉन्ड खरीदकर यमुना अथॉरिटी में निवेश कर सकता है।
क्रेडिट रेटिंग की प्रक्रिया शुरू हुई
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में तमाम बड़ी परियोजनाएं आ रही हैं। यहां के बुनियादी ढांचा विकास के लिए बड़े फंड की जरूरत है। प्राधिकरण क्षेत्र में औद्योगिक पार्क, सूचना प्रौद्योगिकी पार्क, खेल सुविधाएं, प्रमुख सड़कें, पुल, रैपिड रेल और एयरपोर्ट आदि परियोजनाएं चल रही हैं। इन परियोजनाओं के साथ प्राधिकरण को तमाम सुविधाएं विकसित करनी होंगी। इसके लिए फंड की जरूरत पड़ेगी। अब प्राधिकरण इंफ्रा और म्युनिसिपल बांड जारी करके पैसा जुटाएगा। बांड जारी करने से पहले प्राधिकरण अपनी क्रेडिट रेटिंग करवाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
सेबी के नियम लागू होंगे
इस काम में जुटे यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा, "क्रेडिट रेटिंग को लेकर सेबी के कायदे हैं। उन कायदों को शामिल किया जाएगा। रेटिंग एजेंसी वित्त प्रबंधन में प्राधिकरण की ताकत और कमजोरियों की पहचान करेगी। टर्म लोन के लिए यमुना प्राधिकरण की उधार लेने की क्षमता का आंकलन करेगी।" अफसर ने कहा कि बेहतर रेटिंग आने से बांड के परिणाम अच्छे आते हैं। निवेशकों का अच्छा रुझान मिलेगा। आपको बता दें कि क्रेडिट रेटिंग जानने के लिए यमुना प्राधिकरण ने आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) निकाला है। आठ नवंबर को निकाली गई आरएफपी में पांच दिसंबर तक कंपनियां टेंडर जमा कर सकती हैं। सात दिसंबर को तकनकी निविदा खोली जाएगी। इसको लेकर 20 नवंबर को प्री-बिड मीटिंग हो गई है। इसमें दो कंपनियों क्रिसिल और केयर ने क्रेडिट रेटिंग करने में रुचि दिखाई है। उन्होंने अपने सुझाव दिए हैं। हालांकि, प्राधिकरण का कहना है कि अभी और कंपनियां आएंगी।
बैंक ने भी की थी रेटिंग
निवेश और रोजगार के अवसरों की तलाश करने के लिए यमुना प्राधिकरण जुटा है। इसके लिए उसे ऋण लेना पड़ता है। यमुना प्राधिकरण ने स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया से ऋण लिया था। ऋण देने से पहले बैंक ने प्राधिकरण की रेटिंग की थी। बैंक ने 'वन प्लस' रेटिंग दी थी। प्राधिकरण को उम्मीद है कि अब रेटिंग और बेहतर आएगी। अफसरों का कहना है कि यमुना प्राधिकरण को सरकार से पैसा मिला है। हाल में प्रदेश सरकार ने बिना ब्याज 1,779 करोड़ रुपये दिए हैं। इससे पहले 'पीएम गति शक्ति योजना' के तहत 500 करोड़ रुपये मिले हैं। प्राधिकरण का मुनाफा हर साल बढ़ रहा है। पिछले साल 400 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ हुआ था। इस वित्तीय वर्ष में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा लाभ होने की संभावना है।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने कहा, "बड़ी परियोजनाओं के लिए बॉन्ड के जरिये 10 हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। इंफ्रा एंड म्युनिसिपल बॉन्ड जारी किए जाएंगे। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अथॉरिटी की क्रेडिट रेटिंग का आंकलन किया जाएगा। रेटिंग के आधार पर पब्लिक बॉन्ड जारी किया जाएगा।"