ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में योजना की आड़ में अवैध कमाई : 11 हजार उद्यमियों ने प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

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Greater Noida News : औद्योगिक नगरी कहे जाने वाले ग्रेटर नोएडा से बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां के 11 हजार उद्यमियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उद्यमियों का कहना है कि प्राधिकरण औद्योगिक हितों की अनदेखी करते हुए अवैध तरीके से धन एकत्र कर रहा है, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।

10 प्रतिशत ब्याज भी हड़प रहे, एनईए को दी शिकायत 
पिछले दो सालों से 44 औद्योगिक भूखंडों की योजना को बार-बार निकाला गया, लेकिन एक भी भूखंड आवंटित नहीं किया गया। इसके बजाय, प्राधिकरण ने उद्यमियों से प्रति ब्रोशर 5900 रुपये और 60180 रुपये प्रोसेसिंग फीस के रूप में वसूल किए। आरोप है कि प्राधिकरण इस राशि पर प्रति माह 10 प्रतिशत ब्याज भी हड़प रहा है। जब इस मुद्दे पर विरोध बढ़ा, तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बिना किसी पूर्व सूचना के योजना को रद्द कर दिया। इससे उद्यमियों को बैंकों में प्रति माह 14 प्रतिशत ब्याज चुकाने का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इस स्थिति से नाराज होकर उद्यमियों ने नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन (एनईए) के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कराई है।

तत्काल कार्रवाई की मांग
मामले की गंभीरता को देखते हुए, एनईए ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और औद्योगिक विकास एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। एनईए के अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन ने बताया कि 30 जनवरी को शुरू की गई योजना में 50 एकड़ जमीन आवंटन के लिए आरक्षित की गई थी, लेकिन तीन बार तिथि बढ़ाने के बाद भी कोई आवंटन नहीं हुआ।

उद्यमियों ने लगाए ये आरोप 
उद्यमियों का आरोप है कि प्राधिकरण योजनाओं की आड़ में अवैध कमाई कर रहा है, जबकि प्रदेश सरकार विकास और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। उद्यमियों की मांग है कि सरकार हस्तक्षेप करे और प्राधिकरण को निर्देश दे कि या तो आवेदकों का साक्षात्कार लेकर भूखंड आवंटित करे, या फिर उनकी जमा राशि ब्याज सहित वापस करे।

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