गौतमबुद्ध नगर में कोरोना वायरस का कहर विकराल रूप धारण करता जा रहा है। जिले के गांवों में कोरोना संक्रमण काफी तेजी के साथ फैलता जा रहा है। ग्रेटर नोएडा में स्थित खैरपुर गुर्जर गांव में पिछले 22 दिनों के भीतर 26 लोगों की मौत हो गई है। गांव की हालत लगातार गंभीर बनती जा रही है। नई उम्र के लोग भी अपनी जान गवां रहे है।
खैरपुर गुर्जर के निवासी राजेश शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ दिनों के भीतर गांव में कोरोना के मामले काफी तेजी के साथ बढे है। लोग अस्पताल जा रहे है, लेकिन कोई इलाज नहीं मिल पा रहा है। उनके ही परिवार के 4 लोगों की मौत कुछ दिनों के भीतर हुई है। राजेश का कहना है कि एक मौत रविवार को एक मौत सोमवार को उनके परिवार में हुई है। पहले बुखार आता है और फिर सांस लेने में दिक्कत के साथ व्यक्ति की मौत हो जाती है। लेकिन गांव में हर व्यक्ति बेसहाय नजर आ रहा है।
राजेश शर्मा का कहना है कि उनके परिवार में काफी लोग जिले के बाहर नौकरी कर रहे है। लेकिन कोरोना वायरस के कारण वो वापस नहीं आ पा रहे है। पिछले कुछ दिनों के भीतर एक दिन में दो-दो लोेगों की भी मौत हो रही है। गांव में कोरोना वायरस के फैलने की जानकारी काफी बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन को दी गई है। लेकिन गांव में अभी तक सैनेटाइजेशन नहीं किया गया है। एक दिन प्राधिकरण के लोगा आए थे। परंतु गांव के बाहर से ही सैनेटाइजेशन करके चले गए, लेकिन उससे कुछ भी फायदा नहीं होने वाला है।
भाईपुर गांव में 12 लोगों की मौत
आपको बता दें कि एक हफ़्ते में दुजाना गांव में 19 लोगों की मौत हो चुकी है। दनकौर के भाईपुर गांव में 10 दिनों में 12 लोग जान गंवा चुके हैं। लोगों ने गांवों में वृहद तरीके से सेनेटाइजेशन कराने की मांग की है। कोरोना का कहर शहर से गांवों में पहुंच गया है। क्षेत्र की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत दुजाना में कोरोना जैसे लक्षणों से हफ़्ते भर में 19 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। गांव में अब तक विकास, विजय पाल, दर्शन, बदलू, राजकुमार उर्फ पप्पू, फिरे ठेकेदार, बिज्जन, सुमंत्रा पांचाल, राजे जाटव, मेहरचंदी ज्ञानवती (प्रेम सिंह सूबेदार), सावित्री (भोला जिम), रणवीर मैनेजर, सुमन, हरवीरी देवी, रेनू, प्रेमराज सूबेदार, अजीत मैनेजर और सुभाष आदि की मौत हो चुकी है।
दुजाना गांव का हाल भी बुरा
दुजाना गांव के निवासी शिक्षाविद मेजर रूप सिंह नागर और मास्टर भूपेन्द्र नागर ने प्रशासन से गांव को सेनेटाइज कराने करवाने की मन की है। गांव मे वैक्सीनशन सेंटर बनाने की अपील की है। मास्टर भूपेन्द्र नागर ने बताया कि अब गांव के लोग इस बीमारी से बचने के लिए नियमित रूप से मास्क का प्रयोग कर रहे हैं। जरूरत होने पर ही घरों से बाहर निकल रहे हैं।
ब्रह्मनान गांव में 12 लोगों की मौत
वहीं, रबूपुरा कस्बा और आसपास के कई गांवों में पिछले कुछ दिनों के दौरान मौतों का आंकड़ा अचानक से बढ़ गया है। ज्यादातर मामलों में मृतकों में कोविड-19 के से लक्षण थे, लेकिन जांच न हो पाने की वजह से मौतों का सही कारण नहीं पता चल सका है। क्षेत्र के भाईपुर ब्रह्मनान गांव में रहस्यमय तरीके से पिछले दस दिनों के दौरान 12 लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि मरने वालों में ज्यादातर को पहले से कोई गम्भीर बीमारी नहीं थी। बस दो चार दिन बुखार आया और मौत हो गई। अचानक हुई मौतों को लेकर गांव में कोरोना फैलने की आशंका के चलते ग्रामीण दहशत में हैं।
उधर, कस्बा रबूपुरा में पिछले करीब दो सप्ताह के दौरान सांस लेने में दिक्कत जैसे कोरोना के लक्षणों से दर्जनभर लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से कुछ की मौत तो कोरोना से हुई बाकी मृतकों की जांच नहीं होने की वजह से मौतों के कारण का सही पता नहीं चल सका। क्षेत्र के लगभग प्रत्येक गांव में बड़ी संख्या में ग्रामीण बुखार, खांसी, गले में खराश जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं। इसे देखकर आशंका है कि कोरोना संक्रमण गांवों में भी तेजी से फैल रहा है।