Greater Noida : यमुना प्राधिकरण (Yamuna Expressway Authority) ने बिल्डरों से रिकवरी के लिए रीशिड्यूलमेंट योजना शुरू की थी। हालांकि अब तक इसका खास सकारात्मक नतीजा दिखाई नहीं दिया है। जानकारी के मुताबिक सिर्फ 50% बिल्डरों ने इस स्कीम में आवेदन किया है। अन्य ने कोई जानकारी नहीं दी है। दरअसल बिल्डरों को पैसा जमा करने में दिक्कतें आ रही थीं। इस वजह से प्राधिकरण ने इस योजना की शुरुआत की थी। ताकि बकाए की नई किस्तें बना दी जाएं और बिल्डर आसानी से इसका भुगतान कर पाएं। यमुना प्राधिकरण का बिल्डरों पर करीब 4500 करोड़ रुपये बकाया है।
यमुना प्राधिकरण ने बिल्डरों से बकाया वसूली के लिए रीशेड्यूलमेंट योजना शुरू की थी। बकाएदार बिल्डरों को इसमें आवेदन करना था। आवेदन आने के बाद प्राधिकरण बिल्डरों की नई किस्त बना देता है। इससे उन्हें पैसा देने में आसानी होती है। यमुना प्राधिकरण के करीब 10 बिल्डर बकायदार हैं। इन पर करीब 4500 करोड़ रुपए बकाया है। इस योजना का लाभ लेने के लिए पांच बिल्डर आगे आए हैं। इन बिल्डरों ने आवेदन कर दिया है। 5 बिल्डरों ने आवेदन ही नहीं किया है। यानी ये बिल्डर पैसा देने के लिए तैयार नहीं है। आवेदनकर्ता बिल्डरों की नई क़िस्त बना दी जाएगी और उन्हें पैसा जमा करना होगा।
तीन ने सरेंडर किए प्लॉट
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में ग्रुप हाउसिंग के लिए जमीन आवंटित कराने वाले तीन बिल्डरों ने सरेंडर कर दिया है। इन बिल्डरों ने कहा है कि वह इस परियोजना में काम नहीं करना चाहते हैं। इसलिए वह अपना प्लॉट सरेंडर कर दिया है। ऐसे प्लाटों का दोबारा आवंटन होगा। हालांकि प्राधिकरण ने काफी दिनों से ग्रुप हाउसिंग की योजना ही नहीं निकाली है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का 12000 करोड़ बकाया
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण भी इससे अछूता नहीं है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में करीब 109 बिल्डर प्रोजेक्ट हैं। इन पर 12000 करोड रुपए बकाया है। तमाम प्रयासों के बावजूद बिल्डर पैसा देने के लिए तैयार नहीं हैं। रियल स्टेट में मंदी के चलते बिल्डर पैसा जमा जमा करने में आनाकानी कर रहे हैं।
दो बिल्डरों को मिला है स्ट्रेस फंड
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अधूरे पड़े प्रोजेक्ट को पूरा कराने के लिए स्ट्रेस फंड दिलाने का भी प्रयास कर रहा है। केंद्र सरकार हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा कराने के लिए स्ट्रेस फंड दे रही है। इसमें आवेदन करने वाले बिल्डरों को इसका लाभ दिया जाता है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अब तक दो बिल्डरों को स्ट्रेस फंड दिला चुका है। स्ट्रेस फंड मिलने से प्राधिकरण का बकाया पैसा भी मिलने लगा है।