Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर के किसान आंदोलन ने बुधवार की रात एक नया मोड़ ले लिया है। जब यमुना एक्सप्रेसवे के ज़ीरो पॉइंट पर धरना दे रहे किसानों और उनके नेताओं को पुलिस ने देर रात भारी संख्या में गिरफ्तार कर लिया। मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार की रात करीब 11 बजे ग्रेटर नोएडा के ज़ीरो पॉइंट पर बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंचा। सैकड़ों किसानों को, जो सुबह से वहां धरना दे रहे थे, गिरफ्तार कर लिया गया। धरना स्थल को पूरी तरह से खाली करवा दिया गया।
यह धरना भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) द्वारा बुलाए गए पंचायत के बाद आयोजित किया गया था। पुलिस की अचानक की गई कार्रवाई से वहां मौजूद किसानों में अफरा-तफरी मच गई। कई किसान नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
किसानों की मांगें और विरोध
किसान स्थानीय भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों, मुआवजे की विसंगतियों और अपने अधिकारों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इन गिरफ्तारियों और धरना खत्म होने के बाद रात करीब 12 बजे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक सख्त संदेश जारी किया। ट्वीट में उन्होंने कहा, “गौतमबुद्धनगर हो, अलीगढ़ हो या संभल अथवा कोई अन्य जनपद, अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती।” मुख्यमंत्री का यह बयान स्पष्ट रूप से किसानों को चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
दूसरी तरफ किसानों में आक्रोश
मंगलवार को हुई किसानों की गिरफ्तारी के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल है। किसान नेताओं का कहना है कि प्रशासन किसानों की आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताते हुए कहा कि वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। हालांकि, गिरफ्तारी के बाद से कई किसान नेता भूमिगत हो गए हैं और आंदोलन की नई रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। भाकियू ने ऐलान किया है कि वे जल्द ही बड़े स्तर पर नए विरोध प्रदर्शन की घोषणा करेंगे।
गौतमबुद्ध नगर पुलिस-प्रशासन की तैयारी
प्रशासन ने आंदोलनकारियों से निपटने के लिए क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। प्रमुख स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इस घटनाक्रम को लेकर जनता में मिश्रित प्रतिक्रिया है। कुछ लोग इसे कानून-व्यवस्था बनाए रखने की कार्रवाई मानते हैं, जबकि अन्य इसे किसानों की मांगों की अनदेखी बताते हैं। गौतमबुद्ध नगर में किसानों और प्रशासन के बीच चल रहा यह गतिरोध अब प्रदेश की राजनीति में भी गर्म मुद्दा बनता जा रहा है।
यह पूरा घटनाक्रम
29 नवंबर 2024: किसानों ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
30 नवंबर 2024: किसानों ने नोएडा में विकास प्राधिकरण के मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।
01 दिसंबर 2024: किसानों ने ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
एक दिसंबर 2024: किसानों और पुलिस प्रशासन प्राधिकरण अफ़सरों के बीच वार्ता हुई वार्ता विफल रही
02 दिसंबर 2024: किसानों ने पूर्व घोषणा के मुताबिक़ संसद कूच किया। किसानों को नोएडा में रोका गया। पुलिस और किसानों के बीच तीखी झड़पें हुईं। अंततः बातचीत के बाद किसानों ने सात दिन का समय दिया। दलित प्रेरणा स्थल में धरना शुरू किया।
03 दिसंबर 2024: गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने दलित प्रेरणा स्थल को घेर कर किसानों का धरना समाप्त करवा दिया। हज़ारों किसानों को धरना स्थल से खदेड़ दिया गया और 123 किसानों को गिरफ़्तार करके जेल भेजा गया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आंदोलन की घोषणा कर दी।
04 दिसंबर 2024: राकेश टिकैत को टप्पल में पुलिस ने हिरासत में लिया। ग्रेटर नोएडा में दिन भर पुलिस और किसानों के बीच दौड़ धूप चलती रही। अंततः देर शाम सभी 123 किसानों को रिहा कर दिया गया। किसानों ने ऐलान किया कि इन 5 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी। जिसमें आंदोलन पर आगे फ़ैसला किया जाएगा।
05 दिसंबर 2024: बुधवार और गुरुवार की दरम्यानी रात एक बार फिर पुलिस ने छापामारी अभियान चलाया। बड़ी संख्या में किसानों को गिरफ़्तार कर लिया है। ज़ीरो पॉइंट पर चल रहा धरना समाप्त करवा दिया गया है।