बड़ी खबर : गौतमबुद्ध नगर के मॉडल की केंद्र सरकार ने की सराहना, कहा- दूसरे शहरों को भी सीखना चाहिए

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो



महामारी से निपटने और कोरोना संक्रमित मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने गौतमबुद्ध नगर के मॉडल की सराहना की है। जनपद की हाईराइज सोसाइटियों, सेक्टरों में आइसोलेशन सेंटर बनाने, इन सेंटरों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाकर पहुंचाने और मरीजों व परिजनों को जरूरी सामान पहुंचाने का तरीका अपने आप में अनुकरणीय है। इस तरह का मॉडल दूसरे शहरों में भी लागू किया जा सकता है।

केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव स्वास्थ्य लव अग्रवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में गौतमबुद्ध नगर के मॉडल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस जनपद में नोएडा-ग्रेटर नोएडा की हाइराइज सोसाइटियों, बिल्डर सोसाइटियों और सेक्टर की आरडब्ल्यूए ने बड़ी पहल की है। नोएडा के सेक्टर-44 की स्टेलर ग्रीन, सेक्टर-52 का अरावली अपार्टमेंट सेक्टर-71 के साईं अपार्टमेंट, प्रतीक विस्टेरिया, सेक्टर-50 बारात घर और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गौर सौंदर्यम, ऐस सिटी, निराला एस्टेट समेत तमाम सोसाइटियों ने अपने यहां आइसोलेशन सेंटर बनाए हैं। यहां पर ऑक्सीजन सिलेंडर, बेड, नर्स, सोसाइटी में रहने वाले डॉक्टर पूरी मदद कर रहे हैं। आपातकाल में लोगों को मदद मिल रही है।

संयुक्त सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि इस जिले के आइसोलेशन केंद्र की व्यवस्था और ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाने की व्यवस्था बेहतर है। दरअसल ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सोसाइटियों के लोग ऑक्सीजन सिलेंडर एकत्र करके हरिद्वार से भरवाकर लाते हैं। 12 घंटें में सिलेंडर आ जाते हैं। इससे आइसोलेशन सेंटर में दिक्कत नहीं होती है। इसके साथ ही यहां पर मेडिसिन बैंक, संक्रमित परिवारों को निशुल्क भोजन समेत तमाम व्यवस्थाएं चल रही हैं। मेडिसिल बैंक चलाने वाले गौर सिटी निवासी विवेक रमन ने बताया कि वह फोन आने पर जरूरतमंद के घर तक दवा पहुंचाते हैं।

गौर सिटी के निवासी मंजुल ने बताया कि वह ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर अस्पतालों में बेड दिलाने तक के लिए पूरा प्रयास करते हैं। वह आइसोलेशन सेंटर की ऑक्सीजन को भरवाने में पूरा सहयोग देते हैं। जनपद के कोविड प्रभारी एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि शहर की सोसाइटियों को आइसोलेशन सेंटर बनाने के लिए मौका दिया गया। वह इसके लिए आगे आए। सोसाइटी के लोगों को सुविधा मिली। अन्य शहरों में भी इस तरह काम करके लोगों को राहत दिलाई जा सकती है।

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