गौतमबुद्ध नगर में कोहराम : दादरी विधायक तेजपाल नागर के ‘लेटर बम’ ने उड़ाए होश, एमएलसी श्रीचंद शर्मा के समर्थक परेशान क्यों?

Tricity Today | गौतमबुद्ध नगर में कोहराम



Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर की दादरी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर की एक चिट्ठी ने हड़कंप मचा कर रखा हुआ है। पिछले क़रीब दस दिनों से मास्टर तेजपाल सिंह नागर और भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता हैरत में पड़े हुए हैं। ख़ास बात यह है कि भाजपा के ही शिक्षक एमएलसी श्रीचंद शर्मा के समर्थक इस लैटर बम से सबसे ज़्यादा परेशान हैं। दरअसल, तेजपाल सिंह नागर ने ग़ाज़ियाबाद-अलीगढ़ नेशनल हाईवे पर दादरी क़स्बे के पास बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध कॉलोनाइजेशन का मुद्दा उठाया है। विधायक ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी को एक चिट्ठी लिखकर भूमाफ़ियाओं के ख़िलाफ़ एक्शन की मांग की है।

विधायक ने आख़िर चिट्ठी में क्या लिखा
दादरी के विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर ने सीईओ को भेजी चिट्ठी में लिखा है, “दादरी के पास छपरौला मजरा और खेड़ा धर्मपुरा गांवों में बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनाइजेशन किया जा रहा है। यहां सहारा सिटी नाम की कंपनी है। उसकी क़रीब 400 बीघा ज़मीन है। इस ज़मीन पर भूमाफ़िया कॉलोनी बसा रहे हैं। पास में ही समतल एंक्लेव नाम से क़रीब 336 बीघा ज़मीन है। इस ज़मीन पर भी भूमाफ़िया अवैध कॉलोनाइजेशन कर रहे रहे हैं।” विधायक ने आगे लिखा है, “भूमाफ़िया क़िस्म के लोग आम आदमी और गरीबों को झांसा देकर छोटे-छोटे भूखंड बेच रहे हैं। ऊंची क़ीमतों पर यह भूखंड बेचे जा रहे हैं। यह पूरा क्षेत्र ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण का अधिसूचित इलाक़ा है। यहां प्राधिकरण की मंज़ूरी के बिना इस तरह का कॉलोनाइजेशन नहीं किया जा सकता है। भूमाफ़ियाओं की करतूत के कारण भविष्य में हज़ारों परिवारों को बड़ा नुक़सान होगा।” विधायक ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी से इस मामले में संज्ञान लेने और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

एमएलसी श्रीचंद शर्मा की एंट्री कैसे हुई
आमतौर पर देखा जाए तो यह दादरी विधायक की एक सामान्य चिट्ठी थी। जिसमें विधायक ने भूमाफ़िया की करतूत उजागर करते हुए चिंता ज़ाहिर की थी, लेकिन यह चिट्ठी मास्टर तेजपाल सिंह नागर और भारतीय जनता पार्टी के शिक्षक एमएलसी श्रीचंद शर्मा के समर्थकों के बीच ज़ुबानी जंग का मुद्दा बन चुकी है। दुजाना गांव के रहने वाले मनोज नागर ने विधायक का पत्र सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “आज दादरी विधायक मास्टर तेजपाल नागर जी ने जिस बहादुरी का कार्य किया है, वो शायद दबंग से दबंग विधायक भी नहीं कर सकता है। आज दादरी विधानसभा के लिए ऐतिहासिक दिन है। गौतमबुद्ध नगर ज़िले में सबसे महत्वपूर्ण लोकेशन पर कट रही अवैध कॉलोनियों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि, एक शिक्षक विधायक के रिश्तेदार ये कॉलोनी काट रहे हैं, पर हक़ीक़त यह है कि अगर इस मुद्दे को भाजपा के दबाव में समझौते के तहत दबाया गया तो भी हम नहीं दबाने देंगे। मैं जितना जानता हूं, मेरा विधायक किसी के बाप से नहीं डरता है। बहुत बड़ा शेर है। वह धनाढ़्य गुर्जर से नहीं डरा, यह तो शिक्षक विधायक है।” इस कमेन्ट में मनोज नागर ने अप्रत्यक्ष रूप से जातिवादी टिप्पणी भी की है।

"चोर चोरी करें और शाह को बताए बेईमान"
इसके बाद मनोज नागर की पोस्ट पर शिक्षक एमएलसी श्रीचंद शर्मा के समधी सीता राम शर्मा ने जवाब लिखा है। सीता राम शर्मा ने लिखा है, “पुरानी कहावत है, चोर चोरी करें और शाह को बताए बेईमान। यदि हमारे शिक्षक विधायक जी का कोई रिश्तेदार इसमें कहीं संलिप्त है तो दादरी विधायक के पत्र पर कार्यवाही ज़रूर हो। कहीं पीछे के दरवाज़े से कोई सेटलमेंट नहीं हो जाए। यह जनता है, सब जानती है। बहादुरी बनी रहे। कहीं दोबारा फॉर्च्यूनर हो वरना मार जाए।”

अब तक अथॉरिटी ने कोई कदम नहीं उठाया
मास्टर तेजपाल सिंह नागर के लैटर बम से पूरे गौतमबुद्ध नगर ज़िले में घमासान मचा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता व पदाधिकारी और विधायक-एमएलसी के समर्थक बंटे हुए हैं। यह पूरा मामला आम आदमी के बीच चर्चा का मुद्दा है। इसके बावजूद अब तक ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने कोई क़दम नहीं उठाया है। सोशल मीडिया पर लोग हैरत ज़ाहिर कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि एक विधायक ने इतना महत्वपूर्ण मुद्दा सामने रखा, उस पर कोई कार्रवाई नहीं होना संदेह पैदा करता है। दरअसल, दादरी क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस पूरे अवैध कारोबार में प्रशासन और प्राधिकरण के अफ़सर भी हिस्सेदार हैं। इस तरह की अवैध कालोनियों से भूमाफिया मालामाल हो रहे हैं। कॉलोनियों में एक लाख रुपये वर्ग मीटर की क़ीमत से ज़मीन बेची जा रही है। दूसरी ओर शहर का मास्टर प्लान बिगड़ रहा है। जहां तहां कुकुरमुत्तों की तरह अवैध इमारतें बन रही हैं। हज़ारों की संख्या में घर बन चुके हैं। जिससे प्राधिकरण को अरबों रुपये का नुक़सान हुआ है। दूसरी ओर इन अवैध कालोनियों में समस्याएं सिर दर्द बनेंगी।

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