Tricity Today | किसान सम्मेलन में सवाल पूछने वालों को ठीक कर दीजिए बाकी हम देख लेंगे, भाजपा जिलाध्यक्ष ने सुनाया फरमान, वायरल वीडियो
भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को गौतमबुद्ध नगर के दादरी कस्बे में किसान सम्मेलन का आयोजन किया। इस किसान सम्मेलन का मकसद केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों की भ्रांतियों को दूर करना था। साथ ही कृषि कानूनों को लेकर आम आदमी के मन में पैदा हुए सवालों का जवाब देना था, लेकिन गौतमबुद्ध नगर भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष ने कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही मंच पर पहुंचकर एक अजीबोगरीब फरमान जारी कर दिया। जिला अध्यक्ष विजय भाटी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आदेश दिया कि किसान सम्मेलन के दौरान सवाल पूछने वालों को एक तरफ ले जाकर समझाया जाए। अगर उनकी बात समझ में ना आए तो फिर ठीक कर दिया जाए। बाकी हम सब कुछ देख लेंगे। बड़ी बात यह है कि विजय भाटी ने यह बात बार-बार दोहराई।
भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष विजय भाटी जिस मंच से यह फरमान जारी कर रहे थे, वहां पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री और गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा, दादरी के विधायक तेजपाल सिंह नागर और भारतीय जनता पार्टी के तमाम कद्दावर नेताओं ने किसानों के लिए चल रहीं केंद्र-राज्य सरकार की नीतियों का बखान किया। जिस वक्त भाजपा जिला अध्यक्ष विजय भाटी ने यह फरमान सुनाया, उस समय विधायक तेजपाल सिंह नागर, दादरी नगर पालिका की अध्यक्ष गीता पंडित, पश्चिमी उत्तर प्रदेश भाजपा के महामंत्री ठाकुर हरीश सिंह और भारतीय जनता पार्टी के तमाम बड़े नेता मौजूद थे।
बड़ी बात यह है कि जिला अध्यक्ष के इस रवैया को भाजपा नेताओं ने भांप लिया और जब बार-बार वह अपनी एक यही बात दोहरा रहे थे तो कुछ पदाधिकारियों ने जाकर उन्हें समझाया। माइक बंद किया, हालांकि तब तक दर्शकदीर्घा में बैठे लोगों ने जिलाध्यक्ष का यह वीडियो शूट कर लिया था। जो अब सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहा है। लोग सवाल खड़े कर रहे हैं कि जब बड़े-बड़े नेताओं को बुलाकर किसानों की शंकाओं का समाधान करने की बात भारतीय जनता पार्टी कह रही है तो फिर कार्यक्रम में सवाल पूछने वालों के साथ सख्ती से निपटने की बात भाजपा जिलाध्यक्ष ने क्यों कही।
इस बारे में जिलाध्यक्ष विजय भाटी ने कहा, "अक्सर देखने में आता है कि कुछ असामाजिक तत्व और पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त लोग कार्यक्रमों में आकर अव्यवस्था फैलाते हैं। उनका मकसद बदतमीजी और किसानों के नाम पर लोगों को गुमराह करना होता है। मैंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को ऐसे असामाजिक तत्वों से सावधान रहने के लिए कहा था। कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि ऐसे लोगों का ध्यान रखें और उन्हें समझाएं। अगर नहीं माने तो कार्यक्रम से अलग ले जाकर समझाने की कोशिश करें। जिससे कार्यक्रम में अव्यवस्था ना हो। इसके अलावा मेरे कहने का और कोई दूसरा तात्पर्य नहीं था।"